भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद-2024, 30 सितंबर 2024 को पर्वतीय उत्तराखंड के औली में स्थित सूर्या विदेशी प्रशीक्षण नोड में शुरू हुआ। काजिंद-2024 का 8वां संस्करण 30 सितंबर से 13 अक्टूबर 2024 तक औली में आयोजित किया जाएगा।
वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास का अंतिम संस्करण 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2023 तक ओटार, कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था। पहली बार, दोनों देशों की वायु सेनाओं और कजाकिस्तान के एयरबोर्न आक्रमण बलों ने भाग लिया।
द्विपक्षीय भारत-कजाकिस्तान काज़िंद पहली बार 2016 में आयोजित किया गया था। यह दोनों देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है।
काज़िंद अभ्यास एक बटालियन-स्तरीय सैन्य अभ्यास है जिसमें थल सेना और वायु सेना ,दोनों के कर्मी शामिल होते हैं।
इस वर्ष के अभ्यास में, भारतीय दल में 120 कर्मी शामिल हैं, जिसमें भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन और भारतीय वायु सेना के कर्मियों की एक टुकड़ी शामिल है।
कजाकिस्तान दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से उसकी थल सेना के कर्मियों और उसके एयर बोर्न असॉल्ट ट्रूपर्स की एक टुकड़ी द्वारा किया जा रहा है।
काज़िंद अभ्यास का 8वां संस्करण संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत पर्वतीय, अर्ध-शहरी परिदृश्य में उग्रवाद/आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित होगा।
दोनों सैन्य बल ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम के अलावा विशेष हेलिबोर्न ऑपरेशन, कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन में अपने कौशल को निखारेंगे।
इस अभ्यास से दोनों सशस्त्र बलों के बीच सैन्य-से-सैन्य संबंध भी बढ़ेंगे और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध मजबूत होंगे।
16 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ से स्वतंत्रता की घोषणा के बाद, भारत ने 22 फरवरी 1992 को कजाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए।
जुलाई 2015 में, भारत और कजाकिस्तान ने 'रक्षा और सैन्य तकनीकी सहयोग' पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें सैन्य-तकनीकी सहयोग, सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास शामिल हैं।
2018 में, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए कजाकिस्तान के सैनिकों को भारतीय कमान के तहत तैनात किया गया था।