अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी बैठक 30 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2023 तक नई दिल्ली में आयोजित की गई है। बैठक की अध्यक्षता आईएसए असेंबली के अध्यक्ष और भारत सरकार के केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह, ने की।
- आईएसए के सभी 116 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ संभावित सदस्य देशों, भागीदार संगठनों, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि सभा में भाग लेंगे। पेरिस के COP21 के बाद भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से आईएसए का गठन किया था।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की छठी सभा तीन प्रमुख क्षेत्रों- ऊर्जा पहुँच, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा संक्रमण पर ध्यान देने के साथ संबंधित पहल पर चर्चा करेगी:
1. सौर मिनी ग्रिड के कार्यान्वयन के माध्यम से ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।
2. सौर ऊर्जा की त्वरित तैनाती के लिए वित्त जुटाने की सुविधा प्रदान करना।
3. सौर ऊर्जा के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं और विनिर्माण प्रक्रियाओं के विविधीकरण को प्रोत्साहित करना।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थापना सौर ऊर्जा समाधानों को लागू करते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत और फ्रांस के संयुक्त प्रयास के रूप में की गई थी।
- इसकी संकल्पना 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के 21वें पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी21) के दौरान की गई थी।
- आईएसए फ्रेमवर्क समझौते में 2020 में संशोधन किया गया, जिससे संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसमें शामिल होने के पात्र हो गए। वर्तमान में, 116 देशों ने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और 94 ने आईएसए के पूर्ण सदस्य बनने के लिए अनुसमर्थन के आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए हैं।
- आईएसए एक, सदस्य-संचालित, कार्य-उन्मुख और सहयोगी मंच है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उपयोग और विकास को बढ़ाना है। इसका लक्ष्य अपने सदस्य देशों में ऊर्जा पहुँच प्रदान करना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देना है।
- आईएसए सूर्य द्वारा संचालित लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी ऊर्जा समाधान विकसित करने और इसे लागू करने की दिशा में कार्य करने का प्रयास करता है।
- इसका ध्यान सदस्य देशों को निम्न-कार्बन विकास प्रक्षेप पथ विकसित करने में मदद करने पर है, जिसमें सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) के रूप में वर्गीकृत देशों में सकारात्मक प्रभाव डालने पर विशेष जोर दिया गया है।
- एक वैश्विक मंच के रूप में, आईएसए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी करता है।
- ये साझेदारियाँ उन बदलावों को व्यवहारिक रूप से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जो आईएसए आगे चलकर दुनिया में देखना चाहता है।
- आईएसए की 'टुवर्ड्स 1000' रणनीति का लक्ष्य 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है।
- इसका लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का उपयोग करने वाले 1,000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा पहुँच प्रदान करना और 1,000 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करना है।
- इससे प्रत्येक वर्ष 1,000 मिलियन टन CO2 के वैश्विक सौर उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- 94 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ढाँचे पर हस्ताक्षर और अनुमोदन किया है।
- आईएसए मुख्यालय: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सचिवालय, सूर्य भवन, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान परिसर ग्वाल पहाड़ी, फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड, गुरुग्राम में स्थित है।