केंद्रीय आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने उत्तराखंड में गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब जी और सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ने वाली दो रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।इससे इस पहाड़ी राज्य में कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मेद है।
इन दोनों रोपवे परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को रखी गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीईए की बैठक 5 मार्च 2025 को नई दिल्ली में हुई थी । पर्वतमाला परियोजना के तहत बनने वाले दो रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी सीसीईए द्वारा 6 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री की उत्तराखंड यात्रा की पूर्व संध्या पर दी गई।
6 मार्च 2025 को उत्तराखंड की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तरकाशी के मुखवा मंदिर में पूजा-अर्चना की। मुखवा मंदिर देवी गंगा का शीतकालीन निवास स्थान है।
गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री में देवी गंगा को समर्पित मंदिर है। सर्दियों के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और देवी मुखवा मंदिर में चली जाती हैं।
धाम तपो पर्यटन
सर्दियों में पर्यटक उत्तराखंड आने से कतराते हैं और राज्य सरकार राज्य में साल भर पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
प्रधानमंत्री ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन का आह्वान किया और ‘धाम तपो पर्यटन’ शब्द गढ़ा।
उन्होंने पर्यटकों, कॉरपोरेट क्षेत्र, फिल्म निर्माता और योग प्रेमियों से सर्दियों के मौसम में राज्य का दौरा करने की अपील की।
उत्तराखंड में सर्दियों के दौरान पर्यटकों के लिए पहुंच एक बड़ा मुद्दा है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए, प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत दो रोपवे परियोजनाओं का उल्लेख किया।
हेमकुंड साहिब जी सिख समुदायों और अन्य लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल है। यह उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो चमोली में फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2022-23 के बजट भाषण में की थी।
इसका उद्देश्य देश के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाले शहरी केंद्रों को जोड़ना है, जहाँ जन परिवहन प्रणाली व्यवहार्य नहीं है।
कार्यान्वयन प्राधिकरण