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सीईपीआई की पहली एशियाई प्री-क्लिनिकल नेटवर्क सुविधा का फ़रीदाबाद में उद्घाटन

Utkarsh Classes Last Updated 17-07-2024
1st Asian CEPI Pre-clinical Network Facility inaugurated in Faridabad Place in News 4 min read

महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन (सीईपीआई) की पहली एशियाई "प्री-क्लिनिकल नेटवर्क सुविधा" का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), एमओएस पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के द्वारा 16 जुलाई 2024 को फरीदाबाद, हरियाणा में किया गया। ।

सीईपीआई  की पहली एशियाई और दुनिया की 9वीं प्रयोगशाला

फ़रीदाबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद (बीआरआईसी) - ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) या बीआरआईसी -टीएचएसटीआई ,एशिया की पहली और दुनिया की 9वीं प्रयोगशाला है जिसे महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन द्वारा मान्यता प्राप्त है।

सीईपीआई की अन्य  प्रयोगशालाएँ यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं।

बीआरआईसी -टीएचएसटीआई को क्यों चुना गया?

बीआरआईसी -टीएचएसटीआई को जैव सुरक्षा स्तर -3 (बीएसएल-3) रोगज़नक़ पर अनुसंधान करने की क्षमता के लिए चुना गया है। 

बीएसएल-3 प्रयोगशाला उन रोगाणुओं पर शोध करती है जो साँस के माध्यम से गंभीर या संभावित घातक बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं। बीएसएल-3 प्रयोगशालाओं में पाए जाने वाले रोगाणुओं के सामान्य उदाहरणों में कोविड​​​​-19, पीला बुखार,वेस्ट नाइल विषाणु और तपेदिक पैदा करने वाले बैक्टीरिया आदि शामिल हैं।

फ़रीदाबाद स्थित बीआरआईसी -टीएचएसटीआई में प्रायोगिक पशु सुविधा देश की सबसे बड़ी लघु पशु सुविधाओं में से एक है। इसमें लगभग 75,000 चूहों की आवास क्षमता है, जिसमें प्रतिरक्षा-समझौता वाले चूहे और अन्य प्रजातियाँ जैसे चूहे, खरगोश, हैम्स्टर, गिनी सूअर आदि शामिल हैं।

बीआरआईसी -टीएचएसटीआई  के बारे में

जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद (बीआरआईसी) - ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) की स्थापना 2009 में की गई थी।

यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आता है।

संस्था अनुवाद संबंधी ज्ञान बनाने के लिए चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों को मिलाकर एक अंतःविषय दृष्टिकोण अपनाती है। अनुवाद संबंधी ज्ञान का अर्थ सार्वजनिक स्वास्थ्य, विशेष रूप से सबसे वंचित लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रासंगिक हितधारकों के ज्ञान का उपयोग करना है।

महामारी तैयारी नवाचारों का गठबंधन (सीईपीआई)

भविष्य की महामारियों के खिलाफ टीके विकसित करने के लिए महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन (सीईपीआई) की स्थापना 2017 में स्विट्जरलैंड के दावोस में की गई थी।

यह दुनिया के सार्वजनिक, निजी, परोपकारी और नागरिक संगठनों का एक उद्यम है। 

यह संस्था  इबोला विषाणु रोग, लासा विषाणु, मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम, कोरोनोवायरस, निपाह विषाणु, रिफ्ट वैली फीवर विषाणु और चिकनगुनिया विषाणु जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ टीके विकसित करने पर केंद्रित है। 

यह ज्ञात और अज्ञात रोगजनकों के खिलाफ उपयोग के लिए वैक्सीन उम्मीदवारों की एक लाइब्रेरी भी विकसित कर रहा है।

महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

सीईपीआई /CEPI : कोअलिशन ऑफ एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (Coalition of Epidemic Preparedness Innovations)

बीआरआईसी/ BRIC : बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (Biotechnology Research and Innovation Council)

टीएचएसटीआई/THSTI: ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (Translational Health Science and Technology Institute)

FAQ

उत्तर: जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद (बीआरआईसी) - ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) , फ़रीदाबाद, हरियाणा।

उत्तर : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार।

उत्तर: केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह

उत्तर: 2007 में, दावोस, स्विट्जरलैंड।

उत्तर: यह उन रोगजनकों पर शोध करता है जो श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं।
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