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“सागर परिक्रमा” के 10वें चरण की चेन्‍नई बंदरगाह से शुरुआत

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
10th Phase Of “Sagar Parikrama” Begins From Chennai Port Government Scheme 4 min read

केंद्रीय मंत्री परषोत्‍तम रूपाला और केंद्रीय राज्‍य मंत्री डॉ. एल. मुरूगन ने संयुक्‍त रूप से चेन्नई बंदरगाह से सागर परिक्रमा के 10वें चरण की शुरुआत की गयी है।

सागर परिक्रमा चरण-10 का प्रचार-प्रसार:

  • सागर परिक्रमा चरण-10 1 जनवरी 2024 से 6 जनवरी 2024 तक आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
  • 10वें चरण के दायरे में आंध्र प्रदेश के शेष तटीय जिले नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनासीमा, काकीनाडा, विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम शामिल होंगे। 
  • इसमें पुडुचेरी का यनम जिला भी शामिल होगा।

‘‘सागर परिक्रमा’’:

  • इसकी परिकल्पना हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों, नाविकों और मछुआरों का सम्मान करते हुए 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के एक भाग के रूप में की गई है।
  • ‘सागर परिक्रमा’’ के पहले चरण की यात्रा 5 मार्च 2022 को गुजरात के मांडवी से शुरू होकर 6 मार्च, 2022 को पोरबंदर में समाप्त हुई थी।
  • अब तक सागर परिक्रमा के कुल नौ चरण पूरे हो चुके हैं। 
  • सागर परिक्रमा गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, अंडमान और निकोबार, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले का हिस्सा के तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी है।

‘‘सागर परिक्रमा’’ का उद्देश्य:

  • सागर परिक्रमा मछुआरा समुदाय के कल्याण और तटीय विकास के लिए दूरदर्शी नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का एक प्रमाण है।
  • सागर परिक्रमा का उद्देश्‍य मत्स्य पालन से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी का प्रसार करना, सतत् संतुलन पर ध्यान देने के साथ उत्तरदायित्त्वपूर्ण मत्स्य पालन को बढ़ावा देना और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा करना है। 

भारत में मत्स्य क्षेत्र की स्थिति:

  • जलीय कृषि के माध्यम से मछली उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का दूसरा अग्रणी देश है।
  • भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मछली निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
  • भारत अंतर्देशीय मछली उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर और समग्र मछली उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
  • वर्तमान में मत्स्य क्षेत्र देश में 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। 

मत्स्यपालन से संबंधित भारत सरकार की प्रमुख पहलें:

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना-

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत् विकास योजना है।
  • जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है।
  • इस योजना का लक्ष्य 2024-25 तक मत्स्य उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि करना है। 

मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष -

  • मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष की अनुमानित राशि 7,522 करोड़ रुपए है जिसमें से 5266.40 करोड़ रुपए प्रमुख ऋणदाता निकायों द्वारा जुटाए जाते है, जबकि लाभार्थियों का योगदान 1,316.6 करोड़ रुपये है।
  • भारत सरकार से बजटीय सहायता के रूप में 939.48 करोड़ रुपए प्राप्‍त हुए। 

‘पाक बे’ योजना -

  • इस योजना को ‘डायवर्सिफिकेशन ऑफ ट्राउल फिशिंग बोट्स फ्रॉम पाक स्ट्रेट्स इनटू डीप सी फिशिंग बोट्स’ नाम से जाना जाता है। 
  • यह योजना वर्ष 2017 में ‘केंद्र प्रायोजित योजना’ के तौर पर लॉन्च की गई थी।  

FAQ

Ans - चेन्‍नई बंदरगाह

Ans - यनम जिला

Ans - सागर परिक्रमा के पहले चरण की शुरुआत 5 मार्च 2022 को गुजरात के मांडवी से की गयी थी।

Ans - दूसरा

Ans - चौथा
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