1980 से हर साल 27 सितंबर को दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के आर्थिक विकास में पर्यटन की भूमिका और विभिन्न संस्कृतियों में लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में 2024 विश्व पर्यटनदिवस के अवसर पर एक आयोजित किया जिसके मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे।
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत; केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, किंजरापु राममोहन नायडू; और पर्यटन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, सुरेश गोपी भी इस समारोह में उपस्थित थे।
संयुक्त राष्ट्र पर्यटन महासभा ने सितंबर 1979 में टोरेमोलिनोस, स्पेन में आयोजित अपने सत्र में 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इस तिथि को 27 सितंबर 1970 को संयुक्त राष्ट्र पर्यटन क़ानून को अपनाने की स्मृति में चुना गया था।
संयुक्त राष्ट्र पर्यटन क़ानून को 1970 में मैक्सिको सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आधिकारिक यात्रा संगठनों ( आईयूओटीओ ) की बैठक में अपनाया गया, जिसने संगठन का नाम बदलकर संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन 1975 में अस्तित्व में आई और जनवरी 2024 में इसका नाम बदलकर संयुक्त राष्ट्र पर्यटन कर दिया गया।
इस दिन को इसलिए भी चुना गया क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में पर्यटन सत्र के अंत और दक्षिणी गोलार्ध में पर्यटन सत्र की शुरुआत का भी प्रतीक है।
पहला विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर 1980 को मनाया गया था।
हर साल, संयुक्त राष्ट्र पर्यटन विश्व पर्यटन दिवस के लिए एक विशेष विषय चुनता है। इस वर्ष का विषय "पर्यटन और शांति" है।
यह विषय विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच समझ को बढ़ावा देकर दुनिया में शांति को बढ़ावा देने में पर्यटन के योगदान पर प्रकाश डालता है। पर्यटन, अन्य लोगों के बारे में रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रहों को तोड़ने में मदद करता है और विश्व पर्यटन विभिन्न राष्ट्रों और संस्कृतियों को एक साथ लाने और राष्ट्रों के बीच मेल-मिलाप प्रक्रियाओं का समर्थन करने में मदद कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यटन का मुख्यालय: मैड्रिड, स्पेन
सदस्य: 160 देश