हर साल 8 मई को विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करता है। आईएफ़आरसी दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है।
1938 में लंदन, इंग्लैंड में आयोजित रेड क्रॉस के 14वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
8 मई को इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1828 को जीन हेनरी ड्यूनेंट का जन्म स्विट्जरलैंड में हुआ था।
हेनरी ड्यूनेंट ने रेड क्रॉस (जिसे अब इंटरनेशनल रेड क्रॉस के नाम से जाना जाता है) और वर्ल्ड एलायंस ऑफ यंग मेन्स क्रिश्चियन एसोसिएशन की स्थापना की थी।
पहला अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस 8 मई 1948 को मनाया गया था। 1984 में, इसका नाम बदलकर 'विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस' कर दिया गया।
विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस का विषय इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज़ (आईएफआरसी) द्वारा चुना गया है।
2024 विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट दिवस का विषय है हम जो कुछ भी करते हैं वह दिल से आता है।
हेनरी ड्यूनेंट एक स्विस मानवतावादी थे जिन्होंने 1863 में घायलों को राहत दिलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समिति (अब रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति) की स्थापना की थी।
1859 में सोलफेरिनो की लड़ाई में हताहतों और घायल सैनिकों की पीड़ा से परेशान होकर, उन्होंने सभी देशों में स्वैच्छिक राहत समितियों के गठन का प्रस्ताव रखा। स्वैच्छिक राहत समितियों को जाति या पंथ के भेदभाव के बिना युद्ध और शांतिकाल में पीड़ा की रोकथाम और निवारण के लिए काम करना था।
हेनरी डुनैंट के कार्यों से प्रेरित होकर कई देशों में रेड क्रॉस सोसायटी का गठन किया गया। मुस्लिम देशों में रेड क्रॉस सोसाइटी का नाम रेड क्रिसेंट रखा गया।
1901 में, हेनरी डुनेंट ने फ्रांस के फ्रेड्रिक पासी के साथ शांति के लिए पहला नोबेल पुरस्कार साझा किया।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज़ की स्थापना 1919 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में लीग ऑफ़ रेड क्रॉस सोसाइटीज़ के रूप में की गई थी।
लीग की स्थापना विभिन्न देशों में सक्रिय रेड क्रॉस सोसायटी के एक संघ के रूप में की गई थी। 1983 में, मुस्लिम देशों में रेड क्रिसेंट के उपयोग के कारण इस संगठन का नाम बदलकर लीग ऑफ़ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज़ कर दिया गया।
1991 में इसका नाम फिर से बदलकर इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज़ (आईएफ़आरसी ) कर दिया गया।
वर्तमान में, आईएफ़आरसी में दुनिया भर के 192 रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटी शामिल हैं।
आईएफ़आरसी का मुख्य लक्ष्य गैर-संघर्ष क्षेत्रों में राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटी की मानवीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना है।
आईएफ़आरसी अकाल या तूफान जैसी प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के पीड़ितों को राहत और सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
इस प्रकार, वर्तमान में, आईसीआरसी , राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटी और आईआरएफ़सी हैं, जो मानवीय कार्यों के लिए एक साथ या अकेले काम करते हैं।