हर साल 8 सितंबर को विश्व भौतिक चिकित्सा (पीटी) दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन फिजियोथेरेपिस्टों के समर्पण और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली अमूल्य सेवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह भौतिक चिकित्सकों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में दिए जाने वाले महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है।
वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन फॉर फिजिकल थेरेपी (डबल्यूसीपीटी) की स्थापना 8 सितंबर 1951 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में हुई थी। बाद में वर्ल्ड कन्फेडरेशन फॉर फिजिकल थेरेपी का नाम बदलकर वर्ल्ड फिजियोथेरेपी कर दिया गया।
1996 में डबल्यूसीपीटी ने 8 सितंबर को विश्व पीटी दिवस के रूप में नामित किया।
विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस 2023 का विषय गठिया है।
इस वर्ष विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस 2023 का फोकस दो प्रकार के सूजन संबंधी गठिया पर होगा: रूमेटोइड गठिया और एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस।
गठिया का अर्थ है जोड़ों में सूजन है । गठिया में सूजन वाले जगह पर दर्द, लालिमा और पर गर्मी का अनुभव होता है। हड्डी के जोड़ का सूजन (ऑस्टियोआर्थराइटिस) जिसमें जोड़ों में दर्द का कारण सूजन नहीं होता है, के अलावा गठिया के कारण होने वाली अधिकांश बीमारियां स्वप्रतिरक्षा के कारण होती हैं।
स्वप्रतिरक्षा एक अजेय रोग प्रक्रिया है जो हमारे सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं और रसायनों के कारण होती है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं हमारे जोड़ों पर हमला और नुकसान पहुंचाती रहती हैं। गठिया के कारण होने वाले इन स्वप्रतिरक्षा क्षति को मोटे तौर पर रुमेटोलॉजिकल रोग कहा जाता है और इनकी पहचा रूमेटाइड गठिया है। रुमेटोलॉजिकल रोग 2 साल के उम्र के बच्चे से लेकर 80 साल की उम्र तक के व्यक्ति को रोगीबना सकता है ।
एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस एक प्रकार का गठिया है जो अक्षीय कंकाल (छाती, रीढ़ और श्रोणि) में जोड़ों को प्रभावित करता है। एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर 45 वर्ष की आयु से पहले पीठ दर्द होता है और किशोरावस्था या युवा वयस्कों में भी कठोरता और दर्द हो सकता है।
उपचार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शारीरिक थेरेपी और गतिशील व्यायाम है। जोड़ों के बीच रिक्त स्थानों में मौजूद द्रव या तरल पूरे दिन सामान्य रूप से परिचालित होता रहता है और रक्त के अल्ट्रा फिल्ट्रेशन से जोड़ों का ताजा द्रव बनता रहता है। एक व्यक्ति जितना अधिक सक्रिय होता है उतना अधिक वहां संचलन होता है और जोड़ों से हानिकारक रसायन निकल जाते हैं। इससे जोड़ों का नुकसान कम होता है।
सबसे प्रभावी दवा जो स्वप्रतिरक्षा से उत्पन्न सूजन के किसी भी रूप को दबाती है वह स्टेरॉयड है। स्टेरॉयड नुकसान की जगह पर तेजी से कार्य करता है और दर्द से बहुत जल्द राहत दे सकता है। हालांकि ,स्टेरॉयड के लगातार उपयोग से मधुमेह , पेट के अल्सर, उच्च रक्तचाप,हड्डियों के ऑस्टियोपोरोसिस, आदि के रूप में हो सकता है।