वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में सर्वेक्षण किए गए 147 देशों में से भारत को दुनिया का 118वां सबसे खुशहाल देश माना गया है। पिछले साल 126वें स्थान पर रहने वाला भारत नवीनतम रिपोर्ट में 8 पायदान ऊपर चढ़ा है।
फिनलैंड ने दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में अपना दर्जा बरकरार रखा है, जबकि अफगानिस्तान को दुनिया का सबसे दुखी देश माना गया है।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट का 13वां संस्करण 20 मार्च 2025 को जारी किया गया, जो हर साल 20 मार्च को मनाए जाने वाले वर्ल्ड हैप्पीनेस दिवस के साथ मेल खाता है।
वार्षिक वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर द्वारा गैलप और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क के साथ साझेदारी में प्रकाशित की जाती है।
पहली रिपोर्ट 2012 में जारी की गई थी, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अप्रैल 2011 में एक प्रस्ताव पारित किया कर देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के एक उपाय के रूप में खुशी की खोज को मान्यता दी गई थी।
अमेरिकी बहुराष्ट्रीय विश्लेषण कंपनी गैलप द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर देशों को हैप्पीनेस इंडेक्स में स्थान दिया गया है। इसमें प्रत्येक देश के लगभग 1000 लोगों से 0 से 10 के स्कोर पर अपने जीवन का मूल्यांकन करने के लिए कहा जाता है।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ छह चरों पर आधारित होती हैं; किसी पर भरोसा करना, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, जीवन प्रत्याशा, जीवन के विकल्प चुनने की स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार से मुक्ति।
2025 की रिपोर्ट में भारत को 118वां स्थान दिया गया है। भारत नेपाल (92), पाकिस्तान (109) से नीचे है, जबकि वह श्रीलंका (133) और बांग्लादेश (134) से आगे है।
रिपोर्ट के अनुसार युद्धग्रस्त देश जैसे इजरायल 8वें और यूक्रेन 111वें स्थान पर, भारत से ज़्यादा खुश हैं।
फिनलैंड को लगातार 8वीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना गया है।
अफगानिस्तान दुनिया के सबसे दुखी देश के रूप में सबसे निचले पायदान पर है, जबकि सिएरा लियोन 146वें और लेबनान 145वें स्थान पर है।
संयुक्त राज्य अमेरिका खुशहाली रैंकिंग में अपने सबसे निचले पायदान 24वें स्थान पर खिसक गया है। पिछले साल, यह 2012 के बाद पहली बार शीर्ष 20 से बाहर हुआ था।
2025 वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार 2024 में शीर्ष 10 सबसे खुशहाल देशों की सूची इस प्रकार है।