विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक, डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अन्य अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मामले में चिंताजनक बढ़ोतरी के बाद एमपॉक्स बीमारी को "अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी)" घोषित किया है । यह दूसरी बार है जब एमपॉक्स को डबल्यूएचओ द्वारा पीएचईआईसी घोषित किया गया है। इससे पहले जुलाई 2022 में इसे पीएचईआईसी घोषित किया गया था।
नवंबर 2022 में,कुछ देशों की आपत्ति के बाद डबल्यूएचओ द्वारा मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलकर एमपॉक्स कर दिया गया था।
भारत में अभी तक एमपॉक्स का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
पीएचईआईसी क्या है?
- किसी बीमारी को अंतर्राष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में नामित करना डबल्यूएचओ का उच्चतम चेतावनी स्तर है।
- यह सीमा पार सार्वजनिक स्वास्थ्य घटनाओं से निपटने में देशों के अधिकारों और दायित्वों को परिभाषित करने के लिए 2005 में स्थापित डबल्यूएचओ के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों पर आधारित है।
- डब्ल्यूएचओ, पीएचईआईसी को "एक असाधारण घटना के रूप में परिभाषित करता है जो बीमारी के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के कारण अन्य देशों के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम बन सकता है और इसके लिए एक संभावित रूप से एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता हों सकती है ।"
- डबल्यूएचओ के अनुसार, पीएचईआईसी का तात्पर्य एक गंभीर, अचानक, असामान्य या अप्रत्याशित स्थिति से है जो प्रभावित देश की सीमाओं से परे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है और इसके लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ की घोषणा का क्या होगा असर?
- डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश पीएचईआईसी के दिशा निर्देशों और उचित कदम उठाने के लिए अब कानूनी रूप से बाध्य होंगे।
- डब्ल्यूएचओ का किसी बीमारी को - "अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" - घोषित करने का मुख्य उद्देश्य पुरे विश्व में इस बीमारी के खिलाफ अनुसंधान को निधि देने और एक टीका या दवा विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण को प्रोत्साहित करना है।
- इससे लोगों में उस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा पीएचईआईसी के रूप में घोषित स्वास्थ्य घटनाएँ:
निम्नलिखित उन बीमारियों की सूची है जिन्हें डबल्यूएचओ द्वारा पीएचईआईसी घोषित किया गया है।
- 2009 में H1N1 इन्फ्लूएंजा "स्वाइन फ्लू" - डबल्यूएचओ द्वारा पीएचईआईसी घोषित की जाने वाली पहली बीमारी 2009 में H1N1 इन्फ्लूएंजा "स्वाइन फ्लू" थी। यह बीमारी मैक्सिको में शुरू हुई और दुनिया भर में फैल गई।
- मई 2014 में जंगली पोलियो और वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस - अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में वाइल्ड पोलियोवायरस के प्रसार के बाद जारी की गई।,यह पीएचईआईसी अभी भी यथावत है।
- इबोला वायरस, अगस्त 2014 - एक प्रकोप के रूप में पश्चिम अफ्रीका में शुरू हुआ और यूरोप और अमेरिका में भी फैल गया।
- फरवरी 2016 में जीका वायरस - जीका वायरस जो ब्राजील में शुरू हुआ और ज्यादातर लैटिन अमेरिकी देशों में फैल गया।
- इबोला वायरस जुलाई 2019 - पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में फैलने के बाद दूसरी बार।
- कोविड -19, जनवरी 2020 - चीन के बाहर पहली बार वायरस का पता चलने के बाद।
- जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स।
- अगस्त 2024 में एमपॉक्स।
मंकीपॉक्स या एमपॉक्स बीमारी के बारे में
एमपॉक्स की पहचान सबसे पहले बंदरों में हुई थी और यह एक वायरल ज़ूनोटिक बीमारी है जो मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में पाई जाती है।
चूँकि यह जानवर से मनुष्य में फैलता था इसलिए इसे ज़ूनोटिक रोग कहा जाता है।
एमपॉक्स वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के लंबे समय तक संपर्क में रहने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह यौन संपर्क या जानवरों के घाव, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और बिस्तर जैसी दूषित सामग्री के संपर्क से भी फैलता है।
मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट टीका नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)
7 अप्रैल 1948 को संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के रूप में स्थापित।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
डबल्यूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस
सदस्य देश: 194
फुल फॉर्म
- पीएचईआईसी/PHEIC : पब्लिक हैल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (Public Health Emergency of International Concern)
- डबल्यूएचओ /WHO: वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन ( World Health Organisation)