100 वर्षीय वरिष्ठ मूर्तिकार राम सुतार को महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘महाराष्ट्र भूषण’ 2024 के लिए चुना गया है। इसकी घोषणा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने 20 मार्च 2025 को राज्य विधानसभा में की।
राम सुतार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति ने सर्वसम्मति से इस पुरस्कार के लिए चुना।
राम सुतार की उपलब्धियाँ
धुले में जन्मे राम सुतार मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट के छात्र हैं। उन्हें कांस्य मूर्तिकला में महारथी माना जाता है और उनके नाम पर कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज हैं।
- उन्होंने केवड़िया गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को डिज़ाइन किया है। यह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है। सरदार पटेल को स्वतंत्रता के बाद रियासतों के भारत में एकीकरण में उनकी भूमिका के लिए भारत के लौह पुरुष या भारत के बिस्मार्क के रूप में भी जाना जाता है।
- राम सुतार ने भारत की संसद में बैठी हुई मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिष्ठित प्रतिमा का डिज़ाइन किया है।
- रूस, ऑस्ट्रेलिया, ग्रेट ब्रिटेन, चीन मिस्र, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि सहित दुनिया के 450 से अधिक शहरों में उनके द्वारा डिज़ाइन की गए महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- राम सुतार ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केम्पा गौड़ा की 108 फीट ऊंची प्रतिमा भी डिजाइन की है।
- वर्तमान में वह अयोध्या में स्थित राम मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्ति डिजाइन कर रहे हैं। वर्तमान में अयोध्या के राम मंदिर में, मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा डिजाइन की गई राम लला (भगवान राम के बचपन) की मूर्ति स्थापित की गई है।
- राम सूरत और उनके बेटे अनिल सुतार वर्तमान में मुंबई के इंदु मिल्स में स्थापित होने वाली बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति भी डिजाइन कर रहे हैं।
राम सुतार के लिए पुरस्कार और सम्मान
- राम सुतार को 2018 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 1999 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 2016 में सांस्कृतिक सद्भाव के लिए 2016 टैगोर पुरस्कार भी मिला।
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के बारे में
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार ने 1995 में की थी।
यह महाराष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और महाराष्ट्र के निवासी को दिया जाता है।
पुरस्कार के विजेताओं का चयन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाता है।
पुरस्कार विजेता को स्मृति चिन्ह और 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
पहला पुरस्कार 1996 में प्रसिद्ध मराठी लेखक, अभिनेता और संगीतकार पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे को दिया गया था।
2023 में यह पुरस्कार प्रसिद्ध मराठी अभिनेता अशोक सराफ को दिया गया।
इस पुरस्कार के पिछले प्राप्तकर्ता लता मंगेशकर (1997), सचिन तेंदुलकर (2001), भीमसेन जोशी (2002), बाबा आमटे (2004), रतन टाटा (2006) आदि हैं।