10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली 18वें जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत की जी20 अध्यक्षता के समापन से पूर्व भारत एक आभासी जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसी प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए 22 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में एक जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया।
- सितंबर 2023 के आरंभ में नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन पर यूक्रेन में युद्ध और परिवर्तनशील वैश्विक परिदृश्य का प्रभाव पड़ने की आशंका के मध्य आरंभ हुई थी। इस सन्दर्भ में पश्चिमी देशों की मिडिया टिप्पणीकारों को संदेह था कि पहली बार एक संयुक्त घोषणा के बिना ही दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन अप्रासंगिक हो जएगा।
जी20 नेताओं के आभासी शिखर सम्मेलन के मुख्य बिंदु:
- इस बार वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इजराइल-हमास युद्ध सबसे गंभीर वैश्विक चिंता का विषय बना रहा। भारत सरकार ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हुए इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच दो-राज्य समाधान के लिए अपने समर्थन की अपनी घोषित प्रतिबद्धता पर जोर दिया है।
- वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन, 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल और हमास के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद से पश्चिम एशिया में होने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।
- इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान रेखांकित, चुनिंदा परिणामों/कार्य बिंदुओं को आगे बढ़ाया और साथ ही तब से हुए/किये गए विकास की समीक्षा की गई।
- इस सम्मलेन में 17 नवंबर 2023 को आयोजित दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के विचार-विमर्श की भी चर्चा की गई।
- वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन में संबंधित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों सहित विभिन्न जी20 निर्णयों के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया गया।
क्रिप्टो एसेट (परिसंपत्तियों) पर निर्मला सीतारमण:
- निर्मला सीतारमण ने बताया कि, जी20 ने औपचारिक रूप से क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए नियामक रोडमैप अपनाया है।
- सीतारमण का मानना है कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर रोडमैप की प्रगति और कार्यान्वयन के संबंध में जी20 को आईएमएफ, एफएसपी और एफएटीएफ को भी नियमित अपडेट प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा
- विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई।
- जयशंकर के अनुसार नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के ज्यादातर एजेंडों में सकारात्मक प्रगति हुई है। भले ही, बैठक में जो दो प्रमुख भू-राजनीतिक मुद्दे सामने आए, वे मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया थे।
- गाजा की स्थिति पर अधिक विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही यूक्रेन संघर्ष और उसके परिणामों पर भी चर्चा की गई।
- प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
- अफ्रीकी यूनियन (एयू), नौ अतिथि देशों और ग्यारह अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित जी20 के सभी 21 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। यह चर्चा अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रही। और सभी नेताओं ने भारत की जी20 की अध्यक्षता के सफल संचालन के लिए प्रधान मंत्री को बधाई दी।
- जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग उपस्थित नहीं रहे।
प्रधानमंत्री मोदी का सन्देश:
- दिल्ली घोषणापत्र में, हमने विभिन्न क्षेत्रों के लिये उनके अनुकूल अपनी प्रतिबद्धताएं व्यक्त की थीं, आज हमने फिर से उन्हें आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। पश्चिम की स्थिति पर आपकी बातों और रायों को जानने के बाद, मैं कह सकता हूं कि, जी20-जीरो टॉलरेंस में कई मुद्दों पर सहमति बनी है। किसी भी स्थिति में आतंकवाद और नागरिकों की हत्या अस्वीकार्य है; मानवीय सहायता जल्द पहुंचनी चाहिए, संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई की घोषणा का स्वागत होना चाहिए; साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने दो राज्य समाधान, क्षेत्रीय स्थिरता, संवाद और कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया है।