प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के खजुराहो शहर में आयोजित एक समारोह में केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन किया और 1,100 से अधिक अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि पूजन किया।
यह समारोह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
25 दिसंबर 2024 भारत के 10वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती है। 2014 से केंद्र सरकार 25 दिसंबर को देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाती आ रही है।
खजुराहो में आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पटेल भी मौजूद थे।
केन बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के बारे में
केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना केंद्र सरकार की ‘राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत नदियों को जोड़ने’ के तहत 30 नदियों को आपस में जोड़ने वाली पहली परियोजना है। इस योजना में 16 प्रायद्वीपीय और 14 हिमालयी नदियों को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव है, ताकि एक नदी के अधिशेष जल को पानी की कमी वाली नदी में स्थानांतरित किया जा सके। इससे बाढ़, सूखे की समस्या का समाधान होने और पीने के पानी और सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
केन-बेतवा परियोजना पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच समझौता ज्ञापन
केंद्र सरकार ,उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 22 मार्च, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
परियोजना को लागू करने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण) नामक एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) की स्थापना की गई है।
परियोजना की लागत
- परियोजना की कुल लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये (2020-21 के मूल्य स्तर पर) है।
- परियोजना की लागत केंद्र और राज्यों द्वारा 90:10 के अनुपात में साझा की जाएगी।
- केंद्र सरकार 39,317 करोड़ रुपये प्रदान करेगी, जिसमें से 36,290 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में और 3,027 करोड़ रुपये ऋण के रूप में होंगे।
परियोजना के चरण
इस परियोजना का उद्देश्य दौधन बांध और दो नदियों को जोड़ने वाली नहर, लोअर ओर्र परियोजना, कोठा बैराज और बीना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के माध्यम से केन नदी से अधिशेष जल को बेतवा में स्थानांतरित करना है।
इससे 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी।
परियोजना को दो चरणों में विकसित किया जाएगा।
चरण-I के तहत
- केन-बेतवा लिंक नहर के साथ दौधन बांध का निर्माण किया जाएगा।
- दौधन बांध 103 मेगावाट की जल विद्युत उत्पादन क्षमता वाली एक बहुउद्देशीय परियोजना होगी।
- इसका निर्माण मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर किया जाएगा।
चरण-2
- मध्य प्रदेश के शिवपुरी और अशोक नगर जिलों की सीमा पर स्थित दिदौनी गांव में बेतवा की सहायक नदी ओर्र पर लोअर ओर्र बांध बनाया जाएगा।
- मध्य प्रदेश में बेतवा नदी पर कोठा बैराज बनाया जाएगा।
- बीना कॉम्प्लेक्स सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजना बीना ,धसान और देहरा नाला पर बनाई जाएगी।
- बीना और धसान बेतवा नदी की सहायक नदियाँ हैं तथा देहरा नाला, बीना नदी की सहायक नदी है।
- इसमें सागर जिले में चार बांधों अर्थात् माडिया जलाशय, देहरा बांध, धसान बांध और चकरपुर बांध का निर्माण शामिल है।
मध्य प्रदेश को लाभ
- मुख्य रूप से पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा।
- 8 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं का निर्माण जिससे 0 जिलों के 2 हजार गांवों के 7 लाख से अधिक किसान परिवारों को लाभ मिलेगा।
- मध्य प्रदेश के 10 जिलों की 44 लाख आबादी को पेयजल सुविधा उपलब्ध होगी ।
उत्तर प्रदेश को लाभ
- उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले मुख्य लाभार्थी होंगे।
- उत्तर प्रदेश की 2.51 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधाएं और 21 लाख आबादी को पेयजल सुविधा मिलेगी ।
- इससे सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार होगा।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट के बारे में
- 90 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना को अगस्त 2024 में एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा चालू किया गया था ।
- इसका आधिकारिक उद्घाटन 25 दिसंबर 2024 को प्रधान मंत्री मोदी द्वारा किया गया था।
- ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट नर्मदा नदी पर बना है और मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है।
- ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पार्क में है।