लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 149वीं सभा को संबोधित किया और दुनिया में बहुपक्षवाद की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में संसदों के बीच संवाद और सहयोग आम भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतर-संसदीय संघ जो राष्ट्रीय संसदों का एक वैश्विक संगठन है, की 149वीं बैठक 13 से 17 अक्टूबर 2024 तक स्विट्जरलैंड के जिनेवा में उसके मुख्यालय में आयोजित की गई थी।
ओम बिरला के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, लोकसभा और राज्यसभा दोनों के महासचिव और कई अन्य संसद सदस्य शामिल थे।
अंतर-संसदीय संघ की सभा एक वार्षिक बैठक है जिसमें महिला सांसदों के फोरम और युवा सांसदों के फोरम सहित आईपीयू और इसकी विभिन्न समितियों के सभी सदस्य भाग लेते हैं।
सभा प्रतिनिधियों को विचार-विमर्श करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और संसदीय कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
अंतर-संसदीय संघ की 149वीं सभा का विषय अधिक शांतिपूर्ण और टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) का उपयोग करना था।
जिनेवा में 149वीं आईपीयू सभा के बैठक में जमैका की संसद को आईपीयू में 181वीं सदस्य संसद के रूप में फिर से शामिल कर लिया गया । जमैका,इससे पहले 1983 से 1996 तक आईपीयू का सदस्य रहा था।
वर्तमान में आईपीयू में 181 राष्ट्रीय संसद सदस्य और 15 क्षेत्रीय संसदीय निकाय शामिल हैं।
अंतर-संसदीय संघ की स्थापना 30 जून 1889 को पेरिस, फ्रांस में अंतर-संसदीय सम्मेलन के रूप में की गई थी।
1899 में, नाम बदलकर अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) कर दिया गया।
आईपीयू का मुख्य उद्देश्य दुनिया के सांसदों को एक साथ लाना और राष्ट्रों के बीच विवादों को सुलझाने के साधन के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देना था।
आईपीयू की स्थापना का श्रेय प्रथम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, फ्रांस के फ्रेड्रिक पासी और अंग्रेज विलियम रैंडल क्रेमर को दिया जाता है।
आईपीयू , दुनिया का पहला स्थायी अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक संगठन है।
आईपीयू वर्तमान में दुनिया भर में शांति, लोकतंत्र और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संसदीय कूटनीति को सुविधाजनक बनाने और संसदों और सांसदों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड