केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानद राय ने 'नो मनी फॉर टेरर’' विषय पर चौथे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। 13 फरवरी 2025 को जर्मनी के म्यूनिख शहर में जर्मन सरकार द्वारा चौथा नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन आयोजित किया गया था।
सम्मेलन में एग्मोंट समूह के देशों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 200 से अधिक उच्च-स्तरीय अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
- पिछला, तीसरा नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन भारत सरकार द्वारा 18-19 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
- पहला नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2018 में पेरिस में फ्रांस द्वारा आयोजित किया गया था।
- दूसरा नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2019 में मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा आयोजित किया गया था।
सम्मेलन का उद्देश्य
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद और संगठित अपराध के वित्तपोषण को रोकने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाना है।
- सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए बहुराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और सदस्य देशों की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
- केंद्रीय मंत्री नित्यानंद ने नो मनी फॉर टेरर को एक स्थायी निकाय बनाने के लिए एक स्थायी सचिवालय बनाने के भारत के प्रस्ताव को फिर दोहराया।
- यह प्रस्ताव पहली बार केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में नई दिल्ली में आयोजित तीसरे नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र में अपने भाषण के दौरान रखा था।
एग्मोंट ग्रुप क्या है?
- एग्मोंट ग्रुप की स्थापना 1995 में हुई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन), आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य आपराधिक अपराधों से निपटने के लिए अपने सदस्यों के बीच सुरक्षित सूचना साझाकरण को मजबूत और सुविधाजनक बनाना है।
- सदस्य- 177 देश वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) एग्मोंट समूह के सदस्य हैं।
मुख्यालय: कनाडा
वित्तीय खुफिया इकाई (एफ़आईयू) क्या है?
- वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) किसी देश की सर्वोच्च संस्था है जो अपने देश में संदिग्ध वित्तीय लेनदेन रिपोर्ट और मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और आतंकवादी वित्तपोषण के संबंध में अन्य रिपोर्ट प्राप्त करती है और उनका विश्लेषण करती है।
- एफआईयू, प्रासंगिक जानकारी देश की अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा करता है।
- भारत में, एफ़आईयू ,केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आयकर विभाग के अंतर्गत आता है।
मनी लॉन्ड्रिंग या धन शोधन
- मनी लॉन्ड्रिंग का तात्पर्य किसी ऐसे व्यक्ति या संगठन द्वारा किए गए प्रयासों से है जो जानबूझकर या अनजाने में किसी अपराध की आय को बेदाग संपत्ति में बदलने में शामिल है।
- सरल भाषा में इसका अर्थ है काले या अवैध धन को वैध या बेदाग धन में बदलना।
- यहां काले धन का मतलब वह धन है जो रिश्वतखोरी, जबरन वसूली, तस्करी आदि जैसे अवैध तरीकों से कमाया गया है।
- भारत में, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2022, जो 1 जुलाई 2005 से लागू हुआ, धन शोधन के ल्ये एक समग्र कानून है।