एनआईआईएफ ने एंकर निवेशकों के रूप में 600 मिलियन डॉलर का आईजे फंड लांच किया
Utkarsh Classes
04-10-2023
Agreements and MoU
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राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना फंड (एनआईआईएफ) ने भारत सरकार और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी) के साथ एंकर निवेशकों के रूप में 600 मिलियन डॉलर का भारत-जापान फंड (आईजेएफ) लांच किया।
एनआईआईएफ ने 600 मिलियन डॉलर का आईजेएफ लांच करने के लिए जेबीआईसी के साथ साझीदारी की है जिसमें जेबीआईसी और भारत सरकार एंकर निवेशकों के रूप में होंगे।
यह संयुक्त पहल ऐसे साझा प्राथमिकता वाले क्षेत्र अर्थात जलवायु और पर्यावरण में दोनों देशों के बीच सहयोग के एक प्रमुख आयाम का संकेत देती है।
भारत सरकार और जेबीआईसी के मध्य क्रमशः 49% और 51% की हिस्सेदारी होगी:
यह घोषणा एनआईआईएफ के पहले द्विपक्षीय फंड को चिन्हित करती है जिसमें भारत सरकार लक्षित कोष में 49 प्रतिशत का योगदान देगी और शेष 51 प्रतिशत का योगदान जेबीआईसी द्वारा दिया जाएगा।
इस फंड का प्रबंधन एनआईआईएफ लिमिटेड (एनआईआईएफएल) द्वारा किया जाएगा और जेबीआईसी आईजी (जेबीआईसी की एक सहायक कंपनी) एनआईआईएफएल को भारत में जापान के निवेश के बढ़ाने में सहायता करेगी।
फंड का उपयोग पर्यावरणगत स्थिरता प्राप्त करने के लिए किया जाएगा:
भारत-जापान फंड पर्यावरणगत स्थिरता और निम्न कार्बन उत्सर्जन कार्यनीतियों में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और इसका लक्ष्य भारत में जापान के निवेश में और वृद्धि करने के लिए ‘पसंद का भागीदार' बनने की भूमिका का निर्वाह करना है।
भारत-जापान फंड का गठन जापान की सरकार और भारत की सरकार के बीच कार्यनीतिक एवं आर्थिक साझीदारी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है।
राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) क्या है?
भारत की दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु वर्ष 2015 में स्थापित एक सरकार समर्थित संयुक्त निवेश मंच है।
यह तीन प्रकार के फंडों यथा मास्टर फंड्स, फंड्स ऑफ फंड्स और स्ट्रेटेजिक फंड्स को प्रबंधित करता है।
एनआईआईएफ अपने ग्राहकों हेतु उत्कृष्ट जोखिम-समायोजित रिटर्न उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ बुनियादी ढांचे, निजी इक्विटी और अन्य उद्योगों जैसे संपत्ति वर्गों के समूह में निवेश करता है।
एनआईआईएफ को घरेलू बैंकिंग क्षेत्र में बाधाओं के कारण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्रोतों से पूंजी जुटाने के लिए बनाया गया है।
एंकर निवेशक क्या होता है?
एंकर निवेशक एक संस्थागत निवेशक होता है जो किसी कंपनी के आईपीओ में भाग लेता है। जहां तक कीमत का सवाल है, एक एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ को स्थिरता प्रदान करता है।
वर्ष 2009 में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एंकर निवेशक का कांसेप्ट आरंभ किया था। एंकर निवेशक को "कॉर्नरस्टोन निवेशक" भी कहा जाता है।
भारत-जापान के मध्य साझेदारी:
दोनों देश क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास और रणनीतिक हितों पर एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। परन्तु विगत कुछ वर्षों में, यह संबंध एक रणनीतिक साझेदारी में विकसित हुआ है, जिसमें दोनों देश रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न मोर्चों पर सहयोग कर रहे हैं।
वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक ध्यान का केंद्र बिंदु बनकर उभरा है और भारत और जापान इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों में सबसे आगे हैं।
हिन्द-प्रशांत, हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर का संगम है। यह क्षेत्र प्रमुख समुद्री मार्गों और मलक्का जलडमरूमध्य जैसे समुद्री व्यापार मार्गों के साथ विश्व के सबसे बड़े आर्थिक केंद्रों में से एक है।
यह विश्व के दस सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से नौ का घर भी है, विश्व का लगभग 60 प्रतिशत समुद्री व्यापार इस क्षेत्र से होकर गुजरता है।
नियम-आधारित व्यवस्था पर भारत और जापान का समान रुख उन्हें क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में स्वाभाविक सहयोगी बनाता है।
FAQ
Answer - 600 मिलियन डॉलर
Answer - भारत सरकार और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन
Answer - भारत और जेबीआईसी के मध्य क्रमशः 49% और 51% की हिस्सेदारी निश्चित की गई है।
Answer - एंकर निवेशक एक संस्थागत निवेशक होता है जो किसी कंपनी के आईपीओ में भाग लेता है।
Answer - भारत की दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु वर्ष 2015 में स्थापित एक सरकार समर्थित संयुक्त निवेश मंच है।
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