शीत युद्ध के बाद नाटो का सबसे बड़ा अभ्यास: स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024
Utkarsh ClassesLast Updated
20-01-2024
Military exercise
6 min read
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) जनवरी 2024 के चौथे सप्ताह में शीत युद्ध के बाद अपना सबसे बड़ा अभ्यास शुरू करने जा रहा है। 'स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024’ नाम से इस युद्धाभ्यास का आयोजन इस वर्ष मई तक किया जाएगा।
स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024 के आयोजन का उद्देश्य:
नाटो के इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना कि रूस के साथ किसी बड़े युद्ध की स्थिति में अमेरिकी सेना किस तरह से अपने यूरोपीय सहयोगियों की मदद कर सकती है।
यह अभ्यास खासकर रूस की सीमा से लगे देशों और नाटो के पूर्वी हिस्से के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024 के मुख्य आकर्षण:
नाटो देश शीत युद्ध के बाद अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास आयोजित कर रहा हैं। नाटो गठबंधन के शीर्ष कमांडर क्रिस कैवोली के अनुसार नाटो के इस महायुद्धाभ्यास के आकर्षणों में मुख्यतः शामिल हैं:
90 हजार सैनिक
50 युद्धपोत
80 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन विमान
1100 युद्धक वाहन, 133 टैंक और 533 इन्फैंट्री फाइटिंग वीइकल।
क्रिस कैवोली के अनुसार नाटो अपने इस बड़े अभ्यास में ये देखेगा कि कैसे वह अपने क्षेत्रीय रक्षा प्लान को हकीकत में ला सकता है। ये ऐसे प्लान हैं जो दशकों में पहली बार बनाए गए हैं और रूस के किसी भी हमले से निपटने के तरीके बताते हैं।
रूस के विरुद्ध नाटो का युद्धाभ्यास:
यह सर्वविदित है कि रूस नाटो सदस्यों की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और सीधा खतरा है। नाटो युद्धाभ्यास के द्वारा दिखाएगा कि किस तरह उत्तरी अमेरिका और अन्य सदस्य देशों से सुरक्षा बलों को जल्दी से यूरोप भेज सकता है। इसमें अमेरिका और दूसरे नाटो देश यूरोप में अपने साथियों की जल्दी मदद करने का अभ्यास करेंगे। ये एक "संभावित युद्ध" के दौरान किया जाएगा, जहां नाटो को किसी बड़े देश से लड़ना पड़ सकता है।
इससे पूर्व नाटो देशों का बड़ा युद्धाभ्यास:
नाटो देशों ने आखिरी बार शीत युद्ध के दौरान 1988 में इतने बड़े युद्ध अभ्यास किए थे। इसमें 1 लाख 25 हजार सैनिक शामिल थे।
इसके बाद 2018 में भी ऐसा ही अभ्यास हुआ था, जिसमें 50 हजार सैनिकों ने भाग लिया था।
स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024 में शामिल देश:
इस नए अभ्यास में नाटो के सभी 31 देशों और स्वीडन के सैनिक शामिल होंगे। क्योंकि स्वीडन शीघ्र ही नाटो का सदस्य बन सकता है।
नाटो देश पोलैंड में तत्काल सेना भेजने की योजना पर काम करेंगे जो रूस के निशाने पर है।
यूक्रेन युद्ध में पोलैंड ने ही सबसे ज्यादा मदद जेलेंस्की को भेजी है जिससे रूस, पोलैंड के ऊपर भड़का हुआ है।
नाटो का यह अभ्यास बाल्टिक देशों में भी होगा जहां रूस के हमले का खतरा काफी ज्यादा है।
स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024 का आयोजन स्थल:
व्यापक "स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर" अभ्यास कई देशों में होगा, जो सामूहिक रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए नाटो की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। भाग लेने वाले देशों और क्षेत्रों में शामिल हैं:
जर्मनी: अभ्यास के प्रमुख तत्व जर्मनी में होंगे, जो नाटो के भीतर देश के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डालेंगे।
पोलैंड: पोलैंड की भागीदारी अपने पूर्वी हिस्से की सुरक्षा और क्षेत्र में अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने के लिए नाटो के समर्पण पर जोर देती है।
बाल्टिक देश: एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया से युक्त बाल्टिक राष्ट्र, अपनी रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नाटो की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
स्वीडन की भागीदारी: स्वीडन, एक राष्ट्र जो पूर्ण नाटो सदस्यता पर विचार कर रहा है, के अभ्यास में भाग लेने की उम्मीद है। अनुमोदन लंबित रहने तक, स्वीडन के शामिल होने से भाग लेने वाले देशों की कुल संख्या 32 हो जाएगी।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो)
नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका में स्थित 31 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी राजनीतिक और सैन्य गठबंधन है।
नाटो की स्थापना: अप्रैल, 1949 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी।
उस समय नाटो की स्थापना सोवियत संघ से मुकाबला करने और यूरोप में साम्यवाद के प्रसार को रोकने के लिए की गई थी।
नाटो का मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। मुख्यालय का उद्घाटन 1967 में हुआ था।
नाटो के महासचिव: जेन्स स्टोलटेनबर्ग हैं। उन्हें 1 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया गया था और उनका दूसरा कार्यकाल 1 अक्टूबर 2019 को शुरू हुआ। जुलाई 2023 में उनके कार्यकाल में एक वर्ष और बढ़ा दिया गया है। जेन्स स्टोलटेनबर्ग नॉर्वे के पूर्व प्रधान मंत्री रहे हैं।
FAQ
उत्तर - नाटो
उत्तर - नाटो के सभी 31 देश
उत्तर :- ‘स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024’ में कुल 90,000 सैनिक भाग ले रहे हैं
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