लिथुआनिया के मायकोलास अलेक्ना ने चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) स्पर्धा में पुरुषों के सबसे लंबे समय से चले आ रहे विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया है । उन्होंने 14 अप्रैल 2024 को संयुक्त राज्य अमेरिका के रमोना में आयोजित ओक्लाहोमा थ्रोज़ सीरीज़ प्रतियोगिता में 74.35 मीटर तक चक्का फेंका।
मायकोलास अलेक्ना के विश्व-रिकॉर्ड प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले, रमोना ट्रैक और फील्ड क्षेत्र में क्यूबा के याइम पेरेज़ का शानदार प्रदर्शन भी देखा गया, जिन्होंने 73.09 मीटर तक चक्का फेंका। 1989 के बाद से दुनिया में महिलाओं का यह सबसे दूरी तक फेंका गया चक्का था।
मायकोलास अलेक्ना ने पूर्वी जर्मनी के जर्गेन शुल्ट द्वारा बनाए गए 74.08 मीटर के 38 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह अभी तक की एथलेटिक्स में सबसे लंबे समय तक रहने वाला रिकॉर्ड है। जर्गेन शुल्ट ने 6 जून 1986 को न्यूब्रांडेनबर्ग (जर्मनी) में 74.08 मीटर तक चक्का फेंक कर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
एथलेटिक्स में सबसे लंबे समय तक कायम रहने वाले विश्व रिकॉर्डों में से कुछ इस प्रकार हैं ,1985 में मैरिटा कोच द्वारा महिलाओं की 400 मीटर में, 1983 में महिलाओं की 800 मीटर में जर्मिला क्रैटोचविलोवा द्वारा और 1986 में पुरुषों की हैमर थ्रो में यूरी सेदिख द्वारा।
21 साल के मायकोलास अलेक्ना ने अपने पहले प्रयास में चक्का को 72.21 मीटर और दूसरे में 70.32 मीटर तक फेंका था। अपने तीसरे प्रयास में अलेक्ना ने 72.89 मीटर और अपने चौथे प्रयास में 70.51 मीटर दूर तक चक्का फेंका था। उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 74.35 मीटर तक चक्का फेंककर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
21 वर्षीय मायकोलास ने विश्व और यूरोपीय अंडर-20 खिताब जीते हैं। 19 साल की उम्र में, उन्होंने 2022 में सीनियर यूरोपीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। 2022 में, वह यूजीन (यूएसए) में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत जीतकर इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चक्का फेंक पदक विजेता बन गए।
मायकोलास अलेक्ना एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं। उनके पिता, वर्जिलिजस एलेकना ने 2000 सिडनी और 2004 एथेंस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने 2003 और 2005 में विश्व खिताब भी जीता था।
मायकोलास अलेक्ना के रिकॉर्ड तोड़ने से पहले, उनके पिता 2000 में 73.88 मीटर चक्का फेंक कर विश्व के सर्वकालिक सूची में दूसरे स्थान पर थे।
हालाँकि, वर्जिलिजस एलेक्ना अब अपने बेटे मायकोलास एलेक्ना और जुर्गन शुल्ट के बाद सर्वकालिक सूची में तीसरे स्थान पर हैं।.
चक्का फेंक एक प्राचीन यूनानी खेल है जो यूनान में आयोजित प्राचीन ओलंपिक खेलों का हिस्सा था। आधुनिक समय में, खेल को फिर से खोजने का श्रेय 1870 के दशक में जॉर्ज कोहलराउश और उनके छात्रों को दिया जाता है ।
पुरुषों की चक्का फेंक प्रतियोगिता को 1896 में एथेंस में आयोजित पहले आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था।
महिलाओं की प्रतियोगिता 1928 एम्स्टर्डम ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में शुरू की गई थी।
चक्का का वजन पुरुषों के लिए 2 किलोग्राम और महिलाओं के लिए 1 किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
धातु की डिस्क मूल रूप से 2.5 मीटर व्यास वाले घेरे के अंदर खड़े एक एथलीट द्वारा फेंकी जाती है।
विश्व एथलेटिक्स दुनिया भर में एथलेटिक्स का शासी निकाय है। इसकी स्थापना 1912 में स्टॉकहोम ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के समापन समारोह के दौरान स्टॉकहोम, स्वीडन में अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक फेडरेशन के रूप में की गई थी।
2001 में इंटरनेशनल एमेच्योर एथलेटिक फेडरेशन का नाम बदलकर इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन कर दिया गया। आखिरकार, 2019 में इसे फिर से बदलकर वर्ल्ड एथलेटिक्स कर दिया गया।
मुख्यालय: मोनाको
अध्यक्ष: इंग्लैंड के सेबेस्टियन कोए