संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) के अनुसार, प्रशांत महासागर में स्तिथ देश पापुआ न्यू गिनी के एक दूरदराज के गांव में भारी भूस्खलन के कारण 670 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।आईओएम के अनुसार, मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि अभी भी 2000 से अधिक लोगों के मिट्टी के नीचे फंसे होने की आशंका है, और क्षेत्र की सुदूरता और दुर्गमता के कारण बचाव प्रयास में बाधा आ रही है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई 2028 को राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों में सहायता के लिए पापुआ न्यू गिनी को दस लाख डॉलर की तत्काल मानवीय सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने पापुआ न्यू गिनी में जान-माल के नुकसान पर भी शोक व्यक्त किया।
भूस्खलन में 2000 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका
पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्रांत के यमबली गांव में 24 मई 2024 को स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 3 बजे यह गंभीर आपदा आई। एक पहाड़ की तलहटी में स्थित यह गाँव आसपास की पहाड़ी ढलानों से लुढ़कने वाले टनों चट्टानी पत्थरों और मिट्टी से दब गया । गिरने वाले कीचड़ से गांव के 150 से ज्यादा घर जमींदोज हो गए, जहां 4000 से ज्यादा लोग सो रहे थे।
अधिकारियों ने बचाव प्रयास शुरू कर दिया है, लेकिन क्षेत्र के सुदूर होने और लगातार गिरती चट्टानों के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि आधुनिक मशीनरी के अभाव के कारण लोग मिट्टी के नीचे दबे शवों को खोदने के लिए लकड़ी, फावड़े और कांटे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फायर पर स्थित होने के कारण पापुआ न्यू गिनी में भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट का खतरा बना रहता है।
रिंग ऑफ फायर, जिसे सर्कम-पैसिफ़िक बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है, प्रशांत महासागर के साथ एक पथ है जो सक्रिय ज्वालामुखियों और लगातार भूकंपों की विशेषता है। पृथ्वी के अधिकांश ज्वालामुखी और भूकंप रिंग ऑफ फायर के आसपास आते हैं।
हालाँकि, इस क्षेत्र में हाल ही में कोई भूकंप नहीं आया है, जो इस क्षेत्र में हाल ही में भूस्खलन का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार आ रहे भूकंपों के कारण इस क्षेत्र की खड़ी ढलानें और ऊंचे पहाड़ काफी अस्थिर हो गए हैं। साथ ही, क्षेत्र में जारी वनों की कटाई ने पहाड़ों की ढलानों पर मिट्टी और चट्टान को ढीला कर दिया है। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी ढलान पर चट्टानें और कीचड़ ढीला हो गया , जिससे कारण हालिया भूस्खलन आया है।
पापुआ न्यू गिनी दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, जिसकी आबादी लगभग 1 करोड़ है। खनिज संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद, यह देश विकास के मामले में अपने पड़ोसी देशों से काफी पीछे है और दुनिया में सबसे अधिक अपराध दर वाले देशों में से एक है।
देश के सुदूर और अक्सर दुर्गम इलाकों में सैकड़ों जनजातियाँ निवास करती हैं। देश का आर्थिक विकास इसके विशाल और विविध पहाड़ी परिदृश्य और सड़कों की कमी के कारण बाधित हुआ है, जिससे पानी, बिजली और स्वच्छता जैसी बुनियादी सेवाओं को उन्नत करना कठिन और महंगा हो गया है।
पापुआ न्यू गिनी दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप देश है।
यह ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रशासित था और 1975 में स्वतंत्र हो गया।
हालाँकि, ब्रिटिश सम्राट पापुआ न्यू गिनी का प्रमुख है।
राज्य प्रमुख: ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय।
प्रधान मंत्री: जेम्स मारापे
राजधानी: पोर्ट मोर्स्ले
मुद्रा: किना