प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) की अपनी दो दिवसीय यात्रा, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक, 500 बिलियन डॉलर करने और अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नई 10-वर्षीय रूपरेखा, के समझौते के साथ संपन्न की।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, 10-13 फरवरी 2025 तक फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका के दो देशों के दौरे पर थे।
प्रधानमंत्री मोदी पहले फ़्रांस और फिर 12 और 13 फरवरी 2025 को अमेरिका की यात्रा पर थे।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की प्रमुख बिन्दु, निम्नलिखित हैं।
व्हाइट हाउस में ट्रम्प से मिलने वाले चौथे विश्व नेता
- प्रधान मंत्री मोदी, इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जापानी प्रधान मंत्री इशिबा शिगेरुटो और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के बाद चौथे विश्व नेता थे, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया।
- व्हाइट हाउस संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और कार्यालय है।
21वीं सदी के लिए यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट का शुभारंभ
- व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
- उन्होंने 21वीं सदी के लिए "यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए उत्प्रेरक अवसर) नामक एक नई पहल शुरू की।
- यह पहल दोनों देशों के बीच लक्ष्यों और कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करता है जो भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।
व्यापार और निवेश
"मिशन 500" का शुभारंभ - 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक $500 बिलियन तक ले जाना।
2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 119.71 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देश एक बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए इस साल बातचीत शुरू करेंगे।
भारत के साथ अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत अमेरिका से अधिक रक्षा प्रणालियाँ, तेल और गैस खरीदेगा।
2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार
- 2023-24 में कुल व्यापार - 119.71 बिलियन अमेरिकी डॉलर।
- अमेरिका को भारतीय निर्यात 77.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि अमेरिका से आयात 42.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 35.31 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार अधिशेष प्राप्त है।
- 2023-24 में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
- अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक 65.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संचयी एफडीआई प्रवाह के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है।
रक्षा संबंध
- भारत और अमेरिका, 21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नई 10-वर्षीय रूपरेखा पर हस्ताक्षर करेंगे।
- अमेरिका अपनी रक्षा प्रणाली भारत को बेचेगा और भारत के साथ सह-उत्पादन भी करेगा ।
- 2025 में अमेरिका अपने जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और "स्ट्राइकर" इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहनों की बिक्री और सह-उत्पादन के लिए भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।
- दोनों देश अंतरिक्ष, वायु रक्षा, मिसाइल, समुद्री और जल सतह की प्रणालियों की प्रौद्योगिकियों में रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग में सहयोग बढ़ाने पर सहमत।
- अमेरिका, भारत को अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एफ-35 और समुद्र के भीतर रक्षा प्रणाली बेचने की अपनी नीति की समीक्षा करेगा।
- भारत इस वर्ष, चौथे टाइगर ट्राइंफ या ट्राई-सर्विसेज इंडिया यू.एस. उभयचर अभ्यास की मेजबानी करेगा।
ऊर्जा संबंध
- दोनों देश तेल, गैस और नागरिक परमाणु ऊर्जा में अमेरिका-भारत ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए।
- अमेरिका भारत के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत को तेल और गैस का निर्यात करना चाहता है।
- वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका भारत को कच्चे तेल का पांचवां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता और कतर के बाद तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
इंडस इनोवेशन का शुभारंभ
- यू.एस.-इंडिया ट्रस्ट ("रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रिश्ते को बदलना") पहल, भारत और अमरीका के उद्योग और शैक्षणिक साझेदारी को आगे बढ़ाने,अंतरिक्ष, ऊर्जा और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है ।
- दोनों देश, 2025 को अमेरिका-भारत नागरिक अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक अग्रणी वर्ष के रूप में मनाने पर सहमत हुए।
सामरिक खनिज में सहयोग
- दोनों देशों ने एल्यूमीनियम, कोयला खनन और तेल और गैस जैसे भारी उद्योगों से लिथियम, दुर्लभ पृथ्वी और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को पुनर्प्राप्त करने और संसाधित करने के लिए रणनीतिक खनिज पुनर्प्राप्ति पहल शुरू की।
- इससे सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक
संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री ने डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के कई सदस्यों से मुलाकात की। वे इस प्रकार हैं;
- एलोन मस्क- अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के प्रमुख और टेस्ला के सीईओ
- माइकल वाल्ट्ज- अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।
- तुलसी गब्बार्ड-यू.एस. राष्ट्रीय खुफिया निदेशक.
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