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अभ्यास "पूर्वी आकाश" के दौरान एलसीए-तेजस को पूर्वी सेक्टर में तैनात किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
LCA-Tejas Deployed In Eastern Sector During Exercise Poorvi Akash Defence 5 min read

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की पूर्वी वायु कमान (ईएसी) द्वारा अपने वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास, ‘अभ्यास पूर्वी आकाश’ का आयोजन 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक किया जा रहा है। इस दौरान भारतीय  वायु सेना अपनी तत्परता और क्षमताओं का पूर्ण प्रदर्शन कर रही है।

पूर्वी क्षेत्र में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस की तैनाती

  • इस वर्ष का अभ्यास का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस की पहली बार तैनाती की गई है।
  • अभ्यास पूर्वी आकाश एक व्यापक अभ्यास है जो पूर्वी वायुसेना कमान की क्षमताओं और तत्परता को प्रदर्शित करता है। 

अभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य: 

  • अभ्यास पूर्वी आकाश का प्राथमिक उद्देश्य अपनी सभी भूमिकाओं में वायु शक्ति के अनुप्रयोग को प्रदर्शित करना है। 
  • इसमें आक्रामक और रक्षात्मक ऑपरेशन, हवाई टोही और विभिन्न खतरों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया शामिल है, जो सभी दिन और रात दोनों समय आयोजित किए जा रहे हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में काम करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को उजागर करते हैं।
  • अभ्यास पूर्वी आकाश की असाधारण विशेषताओं में से एक भारतीय सेना की पूर्वी कमान (ईसी) के साथ संयुक्त अभियानों का समावेश है। 

अभ्यास पूर्वी क्षेत्र का आयोजन स्थल : 

  • ये संयुक्त ऑपरेशन पूर्वी क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में किया जा रहा है। 
  • अभ्यास का यह पहलू भारतीय वायुसेना और भारतीय थल सेना के बीच तालमेल को रेखांकित करता है, जो कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में संभावित खतरों से निपटने में उनकी संयुक्त तैयारियों पर जोर देता है।
  • एलसीए तेजस की तैनाती अभ्यास पूर्वी आकाश का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि घरेलू लड़ाकू विमान तेजस पहली बार पूर्वी क्षेत्र में किसी अभ्यास में भाग ले रहा है। 
  • तेजस एक हल्का लड़ाकू विमान है जो अपनी चपलता(एक्टिवनेस) और उन्नत एवियोनिक्स के लिए जाना जाता है। इसकी भागीदारी न केवल इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की क्षमताओं को प्रदर्शित करती है, बल्कि घरेलू तकनीक के साथ अपने बेड़े को मजबूत करने की भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।

हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस: 

  • लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में आरंभ किया गया था। तत्पश्चात सरकार द्वारा एलसीए कार्यक्रम के प्रबंधन करने हेतु वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) की स्थापना की गई।
  • एलसीए को भारतीय वायु सेना में पुराने मिग 21 लड़ाकू विमानों के स्थान पर विकसित किया गया है।
  • एलसीए का डिज़ाइन: 

    • एलसीए का डिज़ाइन 'रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग' के तहत संचालित 'एडीए' द्वारा तैयार किया गया है।
  • एलसीए का निर्माण:

    • एलसीए का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है।
  • एलसीए की विशेषताएँ: 

    • एलसीए तेजस अपने समकक्ष सभी विमानों में सबसे हल्का, सबसे छोटा और टेललेस मल्टी-रोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
    • एलसीए तेजस हवा-से-हवा, हवा से सतह, सटीक-निर्देशित, हथियारों की एक रेंज को ले जाने हेतु विकसित किया गया है।
    • तेजस यात्रा के दौरान आकाश में ही ईंधन भरने में सक्षम है।
    • इसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 4000 किलोग्राम है।
    • यह अधिकतम 1.8 मैक की गति प्राप्त कर सकता है।
    • इस विमान की रेंज 3,000 किमी. है।

FAQ

Answer:- भारत के पूर्वी क्षेत्र

Answer:- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)

Answer:- एलसीए तेजस को भारतीय वायु सेना में पुराने मिग 21 लड़ाकू विमानों के स्थान पर विकसित किया गया है।

Answer:- एलसीए तेजस का डिज़ाइन 'रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान' के तहत संचालित वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) द्वारा तैयार किया गया है।

Answer:- एलसीए तेजस का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है।

Answer:- एलसीए तेजस अपने समकक्ष सभी विमानों में सबसे हल्का, सबसे छोटा और टेललेस मल्टी-रोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
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