अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी ने 1 अप्रैल 2024 को जूडिथ सुमिनवा तुलुका को देश की पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया। अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान, राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी ने देश में अधिक लैंगिक समानता का वादा किया था और उनका यह कदम उनके चुनावी वादे को पूरा करने के एक हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
जनवरी 2024 में राष्ट्रपति त्सेसीकेदी के दूसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद जूडिथ सुमिनवा तालुका की प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्ति हुई।
हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक, जूडिथ सुमिनवा तुलुका के प्रधानमंत्री बनने से देश में जल्दी सरकार का गठन नहीं हो पाएगा। नई सरकार के गठन में अभी भी कई महीने लगेंगे क्योंकि इसमें और राजनीतिक दलों के साथ परामर्श करने की आवश्यकता होगी।
कांगो के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति प्रधान मंत्री के साथ सत्ता साझा करता है और सबसे बड़ी पार्टी विधायक दल के सदस्य को प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त करता है।
पद संभालने के बाद प्रधान मंत्री तुलुका ने संघर्षग्रस्त पूर्वी प्रांतों में शांति और विकास लाने का संकल्प लिया। उन्होंने इस क्षेत्र में जारी हिंसा से विस्थापित लोगों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की और संकट का स्थायी समाधान खोजने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य प्राकृतिक संसाधनों और औद्योगिक-ग्रेड हीरे, कोबाल्ट, यूरेनियम और तांबे जैसे कीमती खनिजों से समृद्ध है। हालाँकि, देश को अस्थिरता और हिंसा से चिह्नित किया जाता है। देश में विभिन्न उग्रवादी समूह सक्रिय हैं और उनके बीच क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण करने के लिए हिंसक प्रतिस्पर्धा होती रहती हैं।
कांगो का पूर्वी प्रांत, जिसकी सीमा रवांडा के साथ लगती है, हिंसा और अस्थिरता से ग्रस्त सबसे अधिक समस्याग्रस्त क्षेत्र है। कांगो के अपने पड़ोसी देश रवांडा के साथ भी तनावपूर्ण संबंध हैं। कांगो की सरकार रवांडा की सरकार पर कांगो में सक्रिय 23 मार्च मूवमेंट (एम23) मिलिशिया समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाती है। देश में लगातार अस्थिरता और लड़ाई के कारण बड़ी संख्या में नागरिकों की हत्या हुई है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जारी लड़ाई के कारण कांगो में 69 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य एक मध्य अफ़्रीकी देश है। यह अल्जीरिया के बाद अफ़्रीका का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
कांगो को 1960 में बेल्जियम से आज़ादी मिली।
1971 में, देश का नाम बदल कर ज़ैरे गणराज्य रखा गया था । 1997 में इसका नाम फिर से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य रखा गया।
इसकी राजधानी, किंशासा, कांगो नदी के किनारे स्थित है।
नील नदी के बाद कांगो नदी अफ़्रीका की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
कांगो नदी विश्व की एकमात्र नदी है जो भूमध्य रेखा को दो बार पार करती है।
कांगो की मुद्रा: कांगो फ़्रैंक
कांगो के राष्ट्रपति: फेलिक्स त्सेसीकेदी