Home > Current Affairs > International > Joint naval exercise of four countries begins in South China Sea

दक्षिण चीन सागर में चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का हुआ शुभारंभ

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Joint naval exercise of four countries begins in South China Sea Defence 5 min read

अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और फिलीपींस 7 अप्रैल 2024 को दक्षिण चीन सागर में शक्ति प्रदर्शित करने के लिए अपने पहले संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का शुभारंभ किये।

  • दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों से उत्पन्न खतरे के बीच होने जा रहे संयुक्त अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास भी शामिल रहेगा।

चीन ने अभी तक इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास पर कोई टिप्पणी नहीं की:  

  • चीन ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अपने रक्षा प्रमुखों की ओर से 6 अप्रैल 2024 को चारों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। 
  • इस बयान के अनुसार चार सहयोगी और सुरक्षा साझीदार शांतिपूर्ण और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन की रक्षा और नौवहन एवं विमानों की आवाजाही की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए सैन्य अभ्यास का आयोजन कर रहे हैं।
  • इस बयान में चीन का नाम नहीं लिया गया है। लेकिन चारों देशों ने अपने इस रुख की पुष्टि की कि 2016 के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का फैसला अंतिम और कानूनी रूप से बाध्यकारी है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले में ऐतिहासिक आधार पर चीन के व्यापक दावों को अमान्य कर दिया गया था।

चीन ने मध्यस्थता में भाग लेने से इनकार किया: 

  • चीन ने मध्यस्थता में भाग लेने से इन्कार करने के साथ ही फैसले को ठुकरा दिया था। इसके साथ ही चीन लगातार इस मध्यस्थता की अवहेलना करता आ रहा है। 
  • तनावपूर्ण गतिरोध के बाद 2013 में फिलीपींस, चीन के साथ विवाद को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में लेकर पहुंचा था।

फिलीपींस और चीन के मध्य दक्षिण चीन सागर पंचाट:  

  • फिलीपींस ने 22 जनवरी 2013 को समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुबंध VII के तहत चीन के विरुद्ध मध्यस्थ कार्यवाही आरंभ की। 
  • इस मध्यस्थता न्यायालय में फिलीपींस ने चीन पर इस क्षेत्र पर दबदबा कायम करने सहित कई अन्य आरोप लगाए।   
  • जबकि चीन ने इन सभी कार्यवाही में गैर हाजिर रहा और गैर-भागीदारी की स्थिति अपनाई। चीन ने इस मध्यस्थता को स्वीकार करने से मना कर दिया। 

दक्षिण चीन सागर का महत्व: 

  • दक्षिण चीन सागर को दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक माना जाता है। यह व्यापार तथा परिवहन के लिये एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। 
  • दक्षिण चीन सागर में स्थित विभिन्न देशों के बीच इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर तनाव व्याप्त है। 
  • चीन से लगे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों और द्वीपों को लेकर भी चीन के साथ इस क्षेत्र के देशों को लेकर विवाद चल रहा है। 
  • इस क्षेत्र की मूल विवाद की जड़ है दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली और पार्सल द्वीप, क्योंकि यह दोनों द्वीप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से परिपूर्ण हैं।

दक्षिण चीन सागर विवाद का कारण:  

  • इस विवाद का मुख्य कारण समुद्र पर विभिन्न क्षेत्रों का दावा करना।
  • चीन द्वारा इस समुद्र का क्षेत्रीय सीमांकन करना।
  • चीन, दक्षिण-चीन सागर के 80% भाग को अपना मानता है। 
  • दक्षिण-चीन सागर में प्राकृतिक तेल और गैस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
  • एक रिपोर्ट के अनुसार इसकी परिधि में करीब 11 अरब बैरल प्राकृतिक गैस और तेल तथा मूंगे के विस्तृत भंडार मौजूद हैं। 
  • मत्स्य व्यापार में शामिल देशों के लिए यह जल क्षेत्र काफी महत्त्वपूर्ण है। साथ ही इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण इसका सामरिक महत्त्व भी बढ़ जाता है। 
  • इन सभी कारणों से चीन इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व कायम रखना चाहता है। 

FAQ

Answer: अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और फिलीपींस

Answer: दक्षिण चीन सागर

Answer: दक्षिण चीन सागर
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.