जापान ने 7 सितंबर 2023 को चंद्र लैंडर स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (एसएलआईएम/स्लिम) जिसे मून स्नाइपर के रूप में भी जाना जाता है, ले जाने वाला चंद्र अन्वेषण अंतरिक्ष यान एच-II ए (H-II A) प्रक्षेपित किया है। जापान को उम्मीद है कि वह रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत के बाद चंद्रमा पर लैंडर उतारने वाला पांचवां देश बन जाएगा।
जापान की राष्ट्रीय अन्तरिक्ष एजेंसी, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए ) के अनुसार 7 सितंबर 2023 को स्लिम लैंडर ले जाने वाला एच-II ए रॉकेट तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया । रॉकेट ने सफलतापूर्वक स्लिम प्रोब को अन्तरिक्ष में छोड़ा । मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण इस मिशन को पहले ही तीन बार स्थगित किया गया था ।
यह प्रक्षेपण भारत के चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का चौथा देश बनने के दो सप्ताह बाद हुआ है। लगभग उसी समय, रूस का लूना-25 लैंडर चंद्रमा के निकट आते समय दुर्घटनाग्रस्त
हो गया था ।
जापान का चंद्रमा मिशन
- 100 मिलियन डॉलर का जापानी मिशन, फरवरी 2024 में चंद्रमा की सतह पर लैंडर स्लिम को उतारने का प्रयास करेगा।
- जापानी अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य चंद्र सतह पर अपने लक्ष्य स्थल के 100 मीटर के भीतर चंद्र स्नाइपर को उतारना है।
- स्लिम चंद्रमा की सतह पर मारे नेक्टेरिस नामक जगह के निकट उतरेगा। पृथ्वी से देखने पर मारे नेक्टेरिस एक काला धब्बा प्रतीत होता है।
- इसका प्राथमिक लक्ष्य उन्नत ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का परीक्षण करना है।
- उतरने के बाद, यान का लक्ष्य चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में सुराग की तलाश में अपने आस पास के स्थलों के पास चट्टानों की संरचना का विश्लेषण करना है।
- हालाँकि SLIM लैंडर पर कोई चंद्र रोवर नहीं है।
एक्सआरएसआईएम उपग्रह(XRISM Satellite)
- स्लिम के अलावा, एच-II ए रॉकेट एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (एक्सआरआईएसएम) उपग्रह भी ले गया था । एक्सआरआईएसएम उपग्रह जेएएक्सए, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा ) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की एक संयुक्त परियोजना है।
- उपग्रह का लक्ष्य ब्रह्मांड में बहने वाली प्लाज़्मा हवाओं का निरीक्षण करना है जिसे वैज्ञानिक सितारों और आकाशगंगाओं के उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
जापान के पिछले विफल चंद्रमा मिशन
- पिछले वर्ष जापान द्वारा चंद्रमा पर लैंडिंग के दो पहले प्रयास विफल रहे थे। नवंबर 2022 में जेएएक्सए का OMOTENASHI लैंडर से संपर्क टूट गया और मिशन विफलता के साथ समाप्त हो गया।
- जापानी स्टार्टअप कंपनी द्वारा बनाया गया हकुतो-आर मिशन 1 लैंडर, चंद्रमा की सतह पर उतरने का प्रयास करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ।
भारत के साथ भविष्य में सहयोग
- जेएएक्सए ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एक संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन (एलयूपीईएक्स) की योजना बनाई है। जापानी एच 3 रॉकेट भारत के अगले चंद्र लैंडर को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
- जापान का लक्ष्य नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 2020 के उत्तरार्ध में चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री भेजने का भी है।
जापान के प्रधान मंत्री: फुमियो किशिदा