भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) 9 से 11 अक्टूबर, 2023 तक नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष कॉन्क्लेव 2023 (आईएससी-2023) का दूसरा संस्करण आयोजित कर रहा है। आयोजन के प्रथम दिन आईएसपीए और फ्रेंच एयरोस्पेस उद्योग संघ (जीआईएफएएस) के मध्य अंतरिक्ष क्षेत्र में एक समझौता किया गया।
- अंतरिक्ष उद्योग क्षमताओं की समझ को बढ़ाने और फ्रांस तथा भारत के मध्य व्यापार के अवसरों को तलाशने के उद्देश्य से इस एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।
- इस अवसर पर भारत में फ्रांसीसी राजदूत थिएरी माथौ ने कहा मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है।
यह समझौता दोनों देशों के लिए किस प्रकार हितकर सिद्ध होगा?
- फ्रांसीसी राजदूत थिएरी माथौ के अनुसार, साथ मिलकर हम नई ऊंचाइयों तक पहुँच सकते हैं। नई सीमाओं का पता लगा सकते हैं और असंभव को संभव बना सकते हैं। भारत ने अगस्त में इसरो के चंद्रयान III मिशन को सफल बनाकर एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
- यह दोनों देशों के व्यापार-अंतरिक्ष संघ के बीच सहयोग और नवाचार के सार का उदाहरण देता है। यह सहयोग सतत विकास को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत-फ्रांस के अंतरिक्ष उद्योगों में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की वकालत करने में मदद करेगा।
- तीन दिवसीय यह कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहे अंतरिक्ष क्षेत्र में चर्चा, सहयोग और प्रमुख साझेदारी आरंभ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- आईएसपीए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन कर रहा है जिसमें 24 अंतरिक्ष स्टार्टअप और संस्थान भाग लेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष कॉन्क्लेव 2023 का थीम क्या है?
- पहले दिन थीम 'भूमंडल से ब्रह्मांड तक' (पृथ्वी से संपूर्ण ब्रह्मांड तक) के साथ, सम्मेलन में बहु-क्षेत्रीय उपयोग और अंतरिक्ष क्षमताओं के प्रभाव की रिपोर्ट दी जाएगी।
- दूसरे दिन की थीम है, 'अंतरिक्ष संचार और अगली पीढ़ी की चुनौतियों के लिए तैयारी' क्षमताओं और चुनौतियों का मूल्यांकन करेगी।
- तीसरे दिन की थीम है, 'सामाजिक लाभ और वैश्विक कूटनीति के लिए अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र', जिसमें आईएसपीए के सहयोग से महत्वपूर्ण सत्र शामिल हैं, और भारत में अंतरिक्ष पार्क के विकास के बारे में चर्चा की जाएगी।
भारत और फ्रांस के मध्य बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग:
- भारत-फ्रांसीसी अंतरिक्ष सहयोग ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। दोनों देश भारत की महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान पहल गगनयान में शामिल हैं।
- इसमें फ्रांस अंतरिक्ष चिकित्सा और अंतरिक्ष यात्री स्वास्थ्य के साथ-साथ उड़ान प्रणालियों की आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रहा है।
- फ्रांस भारत के शुक्र मिशन को 2025 में लॉन्च करने के लिए इसरो के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
- इसरो अपने फ्रांसीसी समकक्ष (सीएनईएस) के साथ तृष्णा मिशन पर भी काम कर रहा है।
तृष्णा (TRISHNA) मिशन:
- थर्मल इंफ्रारेड (TIR) में भविष्य का एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाला अंतरिक्ष-समय मिशन है, जिसका नेतृत्व 2025 में सीएनईएस और इसरो ने संयुक्त रूप से लॉन्च के लिए समझौता किया है।
- थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट, उच्च-रिजॉल्यूशन पर प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यांकन करने के लिए एक उपग्रह है जो कि इन संसाधनों का सप्ताह में दो बार थर्मल इंफ्रारेड मापेगा।
- तृष्णा को 761 किमी की ऊंचाई पर एक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो वैश्विक कवरेज के साथ 8 दिनों में 3 मार्गों का पुनरीक्षण प्रदान करेगा।
- इस उपग्रह को 2025 के आरंभ में लॉन्च करने की योजना है, इसकी मिशन अवधि कम से कम 5 से 7 साल है।
भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए):
- अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) का शुभारंभ किया था।
- आईएसपीए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित मामलों पर एकल खिड़की और स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
- आईएसपीए को भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को एकीकृत करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। आईएसपीए का प्रतिनिधित्व प्रमुख घरेलू और वैश्विक निगमों द्वारा किया जाएगा जिनके पास अंतरिक्ष तथा उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्नत क्षमताएँ हैं।
- महानिदेशक: ए.के. भट्ट