विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनिया में डोपिंग के मामलों की संख्या सबसे अधिक भारत में पायी गई है । खेलों में डोपिंग का तात्पर्य प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एथलीटों द्वारा प्रदर्शन बढ़ाने वाली प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग से है।
द हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक भारतीय एथलीटों के मूत्र, रक्त और सूखे रक्त धब्बे (डीबीएस) सहित 3,865 नमूनों का परीक्षण किया गया। 125 नमूनों में प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष (एएएफ) आये। इसका मतलब है कि इन नमूनों में प्रतिबंधित शक्तिवर्धक दबाइयाँ पाई गईं।
विभिन्न देशों के एथलीटों के परीक्षण में से केवल भारतीय नमूने में 100 से अधिक सकारात्मक परिणाम आए।
प्रतिशत के संदर्भ में, 2,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने वाले देशों में भारत का 3.2% प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष , दुनिया में सबसे अधिक है।
संख्या की दृष्टि से रूस 85 सकारात्मक परिणाम के साथ भारत के बाद दूसरे स्थान पर रहा। इसके बाद 84 पॉजिटिव नमूनों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरे स्थान पर है।
जनवरी 2024 में वाडा द्वारा जारी एक अन्य रिपोर्ट में 'नाबालिगों द्वारा सकारात्मक डोपिंग मामलों के 10-वर्षीय वैश्विक अध्ययन में', भारत को दुनिया में दूसरा स्थान दिया गया था। इस सूची में रूस शीर्ष पर है जबकि चीन तीसरे स्थान पर है।
अधिकतम संख्या में नमूने प्रदान करने वाले देश
वाडा के अनुसार 2021 की तुलना में 2022 में 6.4% अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया। प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष का प्रतिशत भी 2021 में 0.65% से बढ़कर 2022 में 0.77% हो गया।
वाडा के निष्कर्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा कि एथलीटों के परीक्षण की मात्रा में वृद्धि के कारण सकारात्मक परीक्षण किए जाने के अधिक मामले सामने आए हैं। उन्होंने एथलीटों को शिक्षित करने और जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने और अधिक परीक्षण आयोजित करके डोपिंग के खतरे से निपटने के लिए एएएफआई का संकल्प व्यक्त किया।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की स्थापना 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और दुनिया की सरकारों द्वारा रचित और वित्त पोषित एक अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र एजेंसी के रूप में की गई थी।
इसका मुख्य उद्देश्य खेल में एथलीटों द्वारा प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं (डोप) के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ लड़ना है।
वाडा की प्राथमिक भूमिका सभी खेलों और देशों में डोपिंग रोधी नियमों और नीतियों का विकास, सामंजस्य और समन्वय करना है।
वाडा एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। कई देशों के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठन इससे संबंधित हैं जो इसकी ओर से डोपिंग परीक्षण करते हैं।
मुख्यालय: मॉट्रियल, कनाडा।
अध्यक्ष: विटोल्ड बैकाक