भारत, 4 दिसंबर 2023 से तीन दिवसीय (4 से 6 दिसंबर) वैश्विक प्रौद्योगिकी सम्मलेन (जीटीएस) का आयोजन करने जा रहा है। इस सम्मलेन में डाटा प्राइवेसी, एक्सपोर्ट कंट्रोल और राजनीति को प्रभावित करने वाली टेक्नोलॉजी पर चर्चा की जाएगी।
जीटीएस का आठवां संस्करण नई दिल्ली में:
इस वर्ष 2023 में ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट के आठवें संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में किया जाएगा।
इस शिखर सम्मेलन में नवीनतम और उभरती टेक्नोलॉजी, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट की थीम:
- विदेश मंत्रालय (एमईए) ने 1 दिसंबर 2023 को यह जानकारी दी कि इस ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट की थीम जियोपॉलिटिक्स ऑफ टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी की भू-राजनीति) होगी।
सम्मलेन की मेजबानी:
- इस सम्मलेन की सह-मेजबानी विदेश मंत्रालय की पॉलिसी प्लानिंग एवं रिसर्च डिविजन और कार्नेगी इंडिया द्वारा की जा रही है।
जीटीएस में करीब सौ वक्ताओं को आमंत्रीत किया गया:
- विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीटीएस में भारत और दुनियाभर से नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, टेक्नोक्रेट और इनोवेटर्स सहित करीब सौ वक्ताओं और हजारों प्रतिभागी शामिल होंगे।
- इस समिट में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, सिएरा लियोन, श्रीलंका, केन्या, लिथुआनिया, ब्राजील और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे।
जीटीएस का उद्घाटन विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे:
- इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन के साथ शुरू होगा।
- गत वर्ष भारत में सातवीं ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट का आयोजन नई दिल्ली में 27 नवंबर 2022 को हुआ था।
सम्मेलन के दौरान चर्चा का मुख्य विषय:
- जीटीएस में शामिल होने वाले पेशवर और विशेषज्ञ, प्रौद्योगिकी से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों, भू-राजनीति पर इसके प्रभाव, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित नीतिगत मामलों पर चर्चा करेंगे।
- एजेंडे के प्रमुख विषयों में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, निर्यात नियंत्रण, डेटा संरक्षण एवं नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित व्यापक नीतिगत विचार शामिल हैं।
जीटीएस यंग एंबेसडर:
- इन प्रमुख बिंदुओं के अलावा, शिखर सम्मेलन में छात्रों और युवा पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी भी देखी जाएगी, जिन्हें जीटीएस यंग एंबेसडर के रूप में जाना जाएगा, जो प्रौद्योगिकी के भविष्य और इसके वैश्विक प्रभावों के बारे में चर्चा के माध्यम से अगली पीढ़ी की भागीदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।