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भारत-रूस ने भविष्य के लिए बिजली आपूर्ति हेतु कुडानकुलम संयत्र समझौते पर हस्ताक्षर किये

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India-Russia Signed Kudankulam Plant Agreement for Future Power Supply Agreements and MoU 5 min read

भारत और रूस ने 26 दिसंबर 2023 को तमिलनाडु में कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर पाँच दिवसीय (25 से 29 दिसंबर 2023) दौरे के लिए रूस की यात्रा पर हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर की रूस यात्रा: 

  • विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ बैठक के बाद कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र समझौता की घोषणा की है। 
  • दोनों नेताओं की उपस्थिति में परमाणु ऊर्जा, दवा, मेडिकल उपकरण को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। 
  • जयशंकर ने मंटुरोव के साथ रूसी उद्योग और व्यापार प्रदर्शनी का भी दौरा किया।

द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर होगी चर्चा: 

  • दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत और यूरेशियन आर्थिक क्षेत्र के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने के लिए दोनों देशों की टीमें जनवरी के अंत तक बैठक करेंगी। 
  • रूस और भारत के बीच भुगतान समस्या एक अहम् मुद्दा रहा है जिसका समाधान ढूंढने की कोशिश चल रही है। 
  • जयशंकर 27 दिसंबर 2023 को अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

भारत-रूस संबंध के बारे में: 

  • भारत-रूस के संबंध ऐतिहासिक और बहुत महत्वपूर्ण हैं। जहाँ, लगभग सभी देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आया है, वहीं वैश्विक राजनीति में केवल भारत रूस के संबंध ही स्थिर रहे हैं। पिछले 70-80 वर्षों में, भारत और रूस दोनों में बहुत बदलाव आया है। वैश्विक राजनीति में भी बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन नई दिल्ली और मास्को के बीच संबंध स्थिर बने हुए हैं।
  • अक्टूबर 2000 में "भारत-रूस सामरिक साझेदारी घोषणा" पर हस्ताक्षर की गई। इसके बाद से, दोनों देशों के संबंधों में राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण नए अध्याय जुड़ते चले गए। 
  • शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ के बीच एक मज़बूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और राजनयिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद, रूस को भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंध, विरासत में मिला। 
  • हालांँकि, पिछले कुछ वर्षों में खासकर पोस्ट-कोविड परिदृश्य में इनके संबंधों में भारी गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण, रूस की चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ी घनिष्ठता है।

कुडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) के बारे में: 

  • केएनपीपी रूस की तकनीकी सहायता से तमिलनाडु में तैयार किया जा रहा है। 
  • इसका निर्माण मार्च 2002 में आरंभ हुआ था। फरवरी 2016 से कुडानकुलम एनपीपी की पहली बिजली इकाई 1,000 मेगावाट की क्षमता से लगातार क्रियाशील है।
  • केएनपीपी, भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्टेशन है। यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में चेन्नई से 650 किमी दक्षिण में स्थित है। 
  • केएनपीपी को न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
  • परियोजना के प्रथम चरण में रूसी तकनीक पर आधारित 1,000-1,000 मेगावाट के दो दबावयुक्त जल रिएक्टर (पीडब्लूआर) इकाइयों(2013 और 2016 में) का निर्माण किया गया। 
  • परियोजना के दूसरे और तीसरे चरण में अतिरिक्त चार इकाइयां निर्माणाधीन हैं।
  • यूनिट तीन और चार का निर्माण 2017 में शुरू हुआ, जिसका लक्ष्य 2023 तक चालू करना था।
  • एनपीसीआईएल और एएसई समूह की कंपनियों ने जून 2017 में पांचवीं और छठी इकाइयों के निर्माण के लिए सामान्य रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अंतिम दो इकाइयों के लिए निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ। 
  • केएनपीपी की छह इकाइयों के चालू होने पर, बिजली संयंत्र की कुल क्षमता 6,000 MW की हो जाएगी।

केएनपीपी के सभी यूनिट 2027 में क्रियाशील होगी: 

  • रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार, संयंत्र के 2027 में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है। 
  • केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे कुछ विशेष क्षेत्रों में रूस को 'विशेष भागीदार' बताया।

FAQ

Answer:- रूस

Answer:- रूस

Answer:- तमिलनाडु

Answer:- 2027

Answer:- 6000MW
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