ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक, 15 से 17 दिसंबर 2023 तक तीन दिवसीय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं, इस दौरान दोनों देशों के मध्य कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। दोनों देशों ने अपने संबंधों का विस्तार करने के लिए एक विज़न दस्तावेज़ अपनाया है। ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की यह, पहली भारत यात्रा है।
- सुल्तान कबूस बिन सईद की मृत्यु के बाद 2020 में ओमान के राज्य प्रमुख बनने के बाद सुल्तान हैथम बिन तारिक अपनी पहली भारत यात्रा पर हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान तारिक ने 16 दिसंबर 2023 को दस प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए दृष्टिकोण पत्र(विज़न डॉक्यूमेंट) स्वीकारने पर सहमति जताई।
- दोनों नेताओं ने राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों के क्षेत्रों को शामिल करते हुए द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
ओमान और भारत के बीच हस्ताक्षरित समझौते:
- संस्कृति मंत्रालय एवं युवा कार्य और खेल मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किए गए एक समझौता ज्ञापन पर ओमान सल्तनत और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए।
- सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के संबंधित मंत्रालयों के मध्य समझौता ज्ञापन।
- आधिकारिक कर्मचारियों के साथ आने वाले व्यक्तियों के लाभकारी रोजगार से संबंधित समझौता।
- इसके तहत मनी लॉन्ड्रिंग, संबंधित अपराध और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में सहयोग।
- इसके लिए वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और ओमान के राष्ट्रीय वित्तीय सूचना केंद्र (एनसीएफआई) के बीच समझौता ज्ञापन।
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और ओमान के ढोफ़र विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन।
ओमान के सुल्तान हैथम की यात्रा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- सुल्तान हैथम नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट का भी दौरा किया।
- अपनी यात्रा के दूसरे दिन हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ बैठक की।
- ओमान के सुल्तान की यह यात्रा, क्षेत्रीय स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान किया।
- दोनों नेताओं की नई दिल्ली में हुई वार्ता में भारत-ओमान सामरिक संबंधों को गति देने और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया गया।
- दोनों नेताओं ने हमास-इजराइल संघर्ष से उत्पन्न स्थिति पर वार्ता किया। साथ ही आतंकवाद की चुनौतियों और फिलिस्तीन मुद्दे के द्वि-राष्ट्र समाधान हेतु प्रयास करने पर भी विचार-विमर्श किया।
ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष:
- दोनों पक्षों ने करीब 2500 करोड़ रुपये ($300 मिलियन) के ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष के तीसरी किश्त की भी घोषणा की। पहली किश्त का मूल्य $100 मिलियन था और दूसरे का मूल्य लगभग $200 मिलियन था।
- इस राशि का उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में निवेश के लिए किया जाएगा।
भारत और ओमान के संबंध:
- दोनों देशो के बीच मजबूत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध है।
- इनके मध्य राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 2008 में ओमान की यात्रा के दौरान इसे रणनीतिक साझेदारी के रूप में स्थापित किया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2018 में, ओमान यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत किया।
- खाड़ी देशों में ओमान, भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है।
- भारत, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के साथ ही हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) का एक मुख्य वार्ताकार है।
- दोनों देशों के रक्षा मंत्रालय प्रतिवर्ष संयुक्त सैन्य सहयोग समिति की बैठक में अपने संबंधों की समीक्षा करते हैं।
- दोनों देशों द्वारा अपनी तीनों सैन्य सेवाओं के मध्य नियमित द्विपक्षीय अभ्यास किया जाता है। इनमें प्रमुखतः
- थल सेना अभ्यास: अल नजाह
- वायु सेना अभ्यास: ईस्टर्न ब्रिज
- नौसेना अभ्यास: नसीम अल बह्र
- ओमान, वर्ष 2008 से भारतीय नौसेना के एंटी-पायरेसी मिशनों को समर्थन देता रहा है।
- भारत ओमान के सहयोग से इस क्षेत्र में नियमित रूप से समुद्री डकैतों के विरुद्ध अभियान चला रहा है।
- इससे न सिर्फ भारत को लाभ हुआ है बल्कि अन्य देशों को भी लाभ हुआ है।
- इसका उदहारण, 16 दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना द्वारा माल्टा के एक जहाज एमवी रुएन के अपहरण पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए उसे मुक्त कराना है।
- ओमान के साथ भारत अपने आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के विस्तार को काफी प्राथमिकता देता है।
- दोनों देश, संयुक्त आयोग की बैठक और संयुक्त व्यापार परिषद जैसे संस्थागत तंत्र के माध्यम से आपसी आर्थिक सहयोग को मज़बूत करते हैं।
- भारत और ओमान के मध्य मज़बूत द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध हैं। भारत, ओमान के शीर्ष व्यापारिक भागीदार देशों में से एक है।