पिछले कुछ महीने से भारत और मालदीव के मध्य चल रहे गतिरोध के मध्य भारत इस द्वीपीय देश के साथ सैन्य अभ्यास आयोजित कर रहा है। हालांकि, इस अभ्यास में भारत, मालदीव और श्रीलंका- तीनों देश शामिल हैं। इस द्विवार्षिक अभ्यास कार्यक्रम को 'दोस्ती' नाम दिया गया है।
- ये इस अभ्यास का 16वां संस्करण है। इसलिए इसे दोस्ती-16 नाम दिया गया है।
त्रिपक्षीय दोस्ती अभ्यास 2024:
- समुद्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये अभ्यास काफी महत्वपूर्ण है। तीनों देशों की तटरक्षक बलों ने हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए चार दिवसीय त्रिपक्षीय अभ्यास आरंभ किया है।
चार दिवसीय अभ्यास 'दोस्ती-16' का आयोजन:
- अभ्यास दोस्ती का आयोजन 22 से 25 फरवरी 2024 तक किया गया। इस अभ्यास में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस समर्थ, आईसीजीएस अभिनव और आईसीजी डोर्नियर भाग लेने के लिए 22 फरवरी को मालदीव पहुंचे। जबकि श्रीलंका नौसेना जहाज समुदुरा भी 22 फरवरी को मालदीव पहुंचे।
- वहीं, बांग्लादेश इस अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हो रहा है।
त्रिपक्षीय संबंध मजबूत करने पर होगा ध्यान:
- उल्लेखनीय है कि तटरक्षक हेलीकॉप्टर आईसीजीएस डोर्नियर भी त्रिपक्षीय अभ्यास 'दोस्ती' का हिस्सा है। इस अभ्यास उद्देश्यों को निम्न बिंदु में देखा जा सकता है:
- आपसी सहयोग बढ़ाना
- दोस्ती को मजबूत करना
- आपसी परिचालन क्षमता में सुधार करना
- भारत, मालदीव और श्रीलंका के तटरक्षक कर्मियों के बीच अंतर-संचालनीयता विकसित करना।
- मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) ने भारतीय तटरक्षक बल के अतिरिक्त महानिदेशक एडीजी एस परमेश का गर्मजोशी से स्वागत किया।
चीनी जासूसी जहाज जियांग यांग होंग-03 का माले का दौरा:
- मालदीव की राजधानी माले में अभ्यास ठीक ऐसे समय हो रहा है, जब चीनी जहाज भी माले पहुंचा है। चीनी अनुसंधान पोत जियांग यांग होंग-03 ने माले बंदरगाह के पास लंगर डाला है।
- मालदीव के इस जहाज को इजाजत देने पर भारत ने इसकी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है।
- चीनी समुद्री अनुसंधान पोत, जियांग यांग होंग 03 पिछले करीब एक महीने से मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के पास था। इसके बाद 22 फरवरी को माले पहुंचा है।
- इस अनुसंधान पोत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की चीन की राजकीय यात्रा समाप्त होने के 24 घंटे बाद 14 जनवरी को अपनी यात्रा शुरू की थी।
- मालदीव ने कहा है कि चीनी जहाज जियांग यांग होंग-3 उसके जल क्षेत्र में सिर्फ रोटेशन और रिप्लेनिश के लिए आया है।
जासूसी जहाज जियांग यांग होंग-03 के बारे में:
- चीन का ये जहाज करीब 100 मीटर लंबा है। इस जहाज को 2016 में चीन के स्टेट ओशनिक एडमिनिस्ट्रेशन (एसओए) के बेड़े में शामिल किया गया था।
- 2019 से चीन दूरस्थ जल और गहरे समुद्र सर्वेक्षण करने के लिए इसका उपयोग कर रहा है।
- चीन के इस जहाज को परमिशन दिया जाना भारत की सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक माना जा रहा है।
- चीन के इस जहाज पर सर्वे के नाम पर भारत, श्रीलंका और मालदीव के आर्थिक क्षेत्र में जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं।