वरिष्ठ मराठी लेखक, विचारक और समता परिषद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर हरि नारके का 9 अगस्त 2023 को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया। 70 वर्षीय नारके मुंबई के एशियन हार्ट हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
प्रोफेसर हरि नारके पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में महात्मा फुले पीठ के प्रोफेसर और महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य थे।
श्री नारके रंगनाथ पठारे समिति के भी सदस्य थे, जिसका गठन मराठी को शास्त्रीय भाषा साबित करने के लिए सबूत इकट्ठा करने के लिए किया गया था।
नारके की साहित्य में योगदान:
ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के विचारों और कार्यों को बेहतर ढंग से उजागर करने और सरकारी स्तर पर त्वरित निर्णय लेने में हरि नारके ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हरि नारके की मृत्यु से मराठा समाज ने एक प्रगतिशील आंदोलन नेतृत्वकर्ता को खो दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने हरि नारके द्वारा संपादित 1000 पेज की पुस्तक समग्र महात्मा फुले को अद्यतन और प्रकाशित किया।
राज्य सरकार ने डॉ. अम्बेडकर के समग्र वांग्मय के 26 खंड भी प्रकाशित किए, जिनमें से छह खंड हरि नारके द्वारा संपादित किए गए थे।
नारके की कैरियर
नारके पुणे विश्वविद्यालय में महात्मा फुले अध्यासन के अध्यासन प्रोफेसर और भंडारकर ओरिएंटल इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष भी थे।
नारके महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी थे।