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भारत के रुपे और यूएई के एईपी के बीच घरेलू कार्ड स्कीम समझौता

Utkarsh Classes 06-10-2023
Domestic Card Scheme Agreement between RuPay of India and AEP of UAE Agreements and MoU 7 min read

भारत ने रुपे कार्ड की तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में उनके डिजिटल भुगतान व ई-कार्मस की सुविधा के लिए डोमेस्टिक कार्ड स्कीम (डीसीएस) विकसित करने के लिए 5 अक्टूबर 2023 को एक समझौता किया है।

  • इस समझौते पर केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयलयूएई के उद्योग व एडवांस टेक्नोलॉजी मंत्री डा सुल्तान अल जबर ने हस्ताक्षर किए गए।

एनपीसीआई और एईपी के मध्य समझौता: 

  • एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने संयुक्त अरब अमीरात में घरेलू कार्ड स्कीम (डीसीएस) के कार्यान्वयन के लिए अल एतिहाद पेमेंट्स (एईपी) के साथ एक कार्यनीतिक साझेदारी समझौता किया है। 
  • एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जबकि एईपी सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (सीबीयूएई) की एक अप्रत्यक्ष सहायक कंपनी है।
  • समझौते के अनुसार, एनआईपीएल और एईपी यूएई की राष्ट्रीय घरेलू कार्ड योजना (डीसीएस) के निर्माण, कार्यान्वयन और प्रचालन के लिए मिलकर काम करेंगे।
  • यह साझेदारी न सिर्फ भारत बल्कि अन्य देशों को किफायती और सुरक्षित भुगतान प्रणाली स्थापित करने में सहायता करने के लिए अपने ज्ञान और विशेषज्ञता की पेशकश करने के एनआईपीएल के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।

डोमेस्टिक कार्ड स्कीम (डीसीएस): 

  • यूएई में डीसीएस की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य:
    • ई-कॉमर्स और डिजिटल लेनदेन के विकास को सुविधाजनक बनाना, 
    • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, 
    • यूएई के डिजिटलीकरण एजेंडा की सहायता करना, 
    • वैकल्पिक भुगतान विकल्पों को बढ़ाना, 
    • भुगतान की लागत को कम करना और 
    • वैश्विक स्तर पर यूएई की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक पेमेंट लीडर के रूप में स्थिति को बढ़ाना है। 
  • डीसीएस सॉल्यूशन संप्रभुता, बाजार की गति, नवोन्मेषण, डिजिटलीकरण और कार्यनीतिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित है। 
  • एनआईपीएल द्वारा प्रदान किए गए डीसीएस सॉल्यूशन में रुपे स्टैक और धोखाधड़ी निगरानी सेवाओं और विश्लेषण जैसी मूल्य वर्धित सेवाएं शामिल हैं। 
  • एनआईपीएल एईपी को उनकी घरेलू कार्ड योजना के लिए प्रचालन नियम तैयार करने में भी सहायता करेगा।

सात अन्य समझौते पर बनी सहमति: 

  • केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व यूएई के उद्योग व एडवांस टेक्नोलॉजी मंत्री डा. सुल्तान अल जबर की उपस्थिति में 5 अक्टूबर 2023 को ही सात अन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत:  

    • भारत व यूएई रिन्युएबल एनर्जी, 
    • स्वास्थ्य, 
    • अंतरिक्ष प्रणाली, 
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) 
    • इंडस्ट्री 4.0, 
    • एडवांस टेक्नोलॉजी व मेट्रोलॉजी एवं 
    • सप्लाई चेन की मजबूती जैसे सेक्टर में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
  • इससे दोनों ही देश का आर्थिक विकास होगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ता और मजबूत होगा।

रुपे कार्ड: 

  • रुपे भारत में एक स्वदेशी, अत्यधिक सुरक्षित और व्यापक रूप से स्वीकृत कार्ड पेमेंट नेटवर्क है।
  • रुपे कार्ड में डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड सुविधाएं हैं। 
  • वर्तमान में 750 मिलियन से अधिक रुपे कार्ड प्रचलन में हैं।
  • भारत में जारी किए गए कुल कार्डों में से 60 प्रतिशत से अधिक रुपे कार्ड हैं, अब हर दूसरे भारतीय के पास रुपे कार्ड है।
  • ये कार्ड सार्वजनिक क्षेत्र, निजी और छोटे बैंकों सहित संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र के माध्यम से जारी किए जाते हैं।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई):

  • भारत का विश्व-प्रसिद्ध डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) भुगतान क्षेत्र में व्यापक स्तर पर बदलाव ला रहा है।
  • डीपीआई ढांचे में डिजिटल पहचान, डिजिटल भुगतान और डिजिटल डेटा विनिमय शामिल हैं- इन तीनों का संयोजन भारत में फिनटेक क्रांति के पीछे की शक्ति है।
  • इन कारकों का संयोजन भारत को तेजी से सामने आने वाले यूनिकॉर्न के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम बनाता है। 
  • भारत में पिछले पांच वर्षों में डिजिटल लेनदेन में भाग लेने वाले ग्राहकों में 367 प्रतिशत की अत्यधिक तेज वृद्धि देखी गई है, जिसका सक्रिय ग्राहक आधार 340 मिलियन से अधिक है।

समझौते से क्या लाभ होगा?

  • इस समझौते का मुख्य लाभ यह होगा कि यूएई में रहने वाले 35 लाख भारतीयों को भारत में रह रहे अपने परिवार को पैसा भेजना आसान हो जाएगा। 
  • रुपे कार्ड से यूएई में भुगतान कर सकेंगे और डीसीएस से भारत में भुगतान कर सकेंगे।
  • ये कार्ड एक-दूसरे देश के एटीएम, प्वाइंट ऑफ सेल और ई-कामर्स ट्रांजेक्शन के लिए भी उपयोग हो सकेगा।

भारत-यूएई के मध्य ट्रेड कोरिडोर बनाने पर चर्चा: 

  • भारत सरकार यूएई में खाद्य सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 
  • दोनों देशों के बीच एक वर्चुअल ट्रेड कोरिडोर बनाने के साथ इंडिया-यूएई स्टार्टअप ब्रिज पर भी चर्चा की गई।
  • इस वर्चुअल ट्रेड कोरिडोर का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को और बढ़ाना है जिसके लिए दोनों देश डाटा एक्सचेंज सिस्टम विकसित करेंगे और व्यापार के लिए कागजी प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी।
  • टास्क फोर्स की बैठक में गुजरात की गिफ्ट सिटी में अबू-धाबी इंवेंस्टमेंट अथॉरिटी की स्थापना से जुड़ी योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
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