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कैबिनेट ने उपग्रह विकास में इसरो-एमआरआईसी सहयोग को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Cabinet approves ISRO-MRIC cooperation in satellite development Science and Technology 4 min read

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 5 जनवरी, 2024 को एक संयुक्त लघु उपग्रह के विकास में सहयोग से संबंधित इसरो और एमआरआईसी के बीच हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है। यह समझौता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (एमआरआईसी) के बीच 1 नवंबर, 2023 को मॉरीशस के पोर्ट लुईस में हस्ताक्षरित हुआ था।

  • यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के मध्य एक संयुक्त लघु उपग्रह के विकास में सहयोग से संबंधित है।

इसरो और एमआरआईसी के बीच हुए समझौते से लाभ:

  • यह समझौता ज्ञापन एक संयुक्त उपग्रह के विकास के साथ ही एमआरआईसी के ग्राउंड स्टेशन के उपयोग के संबंध में सहयोग हेतु दोनों के बीच सहयोग की एक रूपरेखा को स्थापित करेगा। 
  • इस संयुक्त उपग्रह की कुछ उपप्रणालियों को भारतीय उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से अपनाया जायेगा और इससे उद्योग जगत को लाभ होगा।
  • उपग्रह के इस संयुक्त विकास से मॉरीशस में भारतीय ग्राउंड स्टेशन के लिए मॉरीशस सरकार से निरंतर समर्थन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह इसरो/भारत के प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह मिशनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 
  • यह संयुक्त उपग्रह निर्माण भविष्य में इसरो के छोटे उपग्रह मिशन के लिए एमआरआईसी द्वारा अपने ग्राउंड स्टेशन से सहयोग सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित होगा।
  • इस संयुक्त उपग्रह की कुछ उपप्रणालियों को भारतीय उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से अपनाया जाएगा। इससे भारत में कई प्रकार के रोजगारों का सृजन हो सकेगा।

समझौते का कार्यान्वयन:

  • इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इसरो और एमआरआईसी के बीच छोटे उपग्रह का संयुक्त कार्यान्वयन संभव हो सकेगा।
  • इस उपग्रह कार्यान्वयन को 15 महीने की समय सीमा में पूरा करने का प्रस्ताव है।

संयुक्त उपग्रह पर कुल व्यय:

  • इस संयुक्त उपग्रह के पूर्णतः तैयार होने की अनुमानित लागत 20 करोड़ रुपये है। 
  • इसे पूर्णतः  भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 
  • इस समझौता ज्ञापन में दोनों पक्षों के मध्य धन का कोई अन्य आदान-प्रदान शामिल नहीं है।

भारत और मॉरीशस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग: 

  • दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में शुरू हुआ था। 
  • दोनों देशों के बीच 1986 में देश-स्तरीय समझौता किया गया।

 इसके तहत इसरो के प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह मिशनों के लिए ट्रैकिंग एवं टेलीमेट्री के क्षेत्र में सहायता हेतु मॉरीशस में एक ग्राउंड स्टेशन की स्थापना की थी। 

  • दोनों देशों के बीच वर्तमान अंतरिक्ष सहयोग 29 जुलाई 2009 को हस्ताक्षरित देश-स्तरीय समझौते द्वारा प्रशासित हो रहा है। इसने 1986 में हुए देश-स्तरीय समझौते का स्थान लिया है।

मॉरीशस के बारे में: 

  • राजधानी: पोर्ट लुईस
  • मुद्रा: मॉरिशियाई रुपया
  • प्रधानमंत्री: प्रविंद जुगनाथ
  • राष्ट्रपति: पृथ्वीराज सिंह रूपन 

FAQ

Answer:- मॉरीशस

Answer:- मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (एमआरआईसी)

Answer:- भारत

Answer:- पृथ्वीराज सिंह रूपन

Answer:- प्रविंद जुगनाथ
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