मणिपुर में, वार्षिक उत्सव - ‘मेरा हौचोंगबा’ 28 अक्टूबर 2023 को इम्फाल के कांगला में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
‘मेरा हौचोंगबा’ का उद्देश्य:
- ‘मेरा हौचोंगबा’ त्यौहार का आयोजन प्रति वर्ष राज्य की पहाड़ी जनजातियों और घाटी के लोगों के मध्य संबंधों को बढ़ावा देने और उन्हें मजबूत करने के लिए किया जाता है।
त्यौहारों के सन्दर्भ में मणिपुर के रॉयल पैलेस की घोषणा:
- हालाँकि, मणिपुर के रॉयल पैलेस ने घोषणा की है कि राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, केवल धार्मिक अनुष्ठानों के पालन के साथ त्योहार के उत्सव को कम किया जाएगा।
पूर्ववर्ती शाही महल ‘कांगला’ में उत्सव का उद्घाटन किया गया:
- मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, मणिपुर के राजा और राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा के साथ 28 अक्टूबर के सुबह मणिपुर के पूर्ववर्ती शाही महल ‘कांगला’ में उत्सव का उद्घाटन किये। इस अवसर पर उन्होंने वहाँ एक अनुष्ठान समारोह का भी आयोजन किया।
- इस अनुष्ठान समारोह के बाद, पहाड़ी जनजातियों और घाटी के लोगों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान किया गया।
मणिपुर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार:
दिसंबर/जनवरी महीने में पाँच दिनों तक मनाया जाने वाला "गैंग-नगाई" काबुई नागाओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
यह नागाओं का एक सामूहिक त्योहार है जो प्रति वर्ष फरवरी के 15वें दिन आयोजित किया जाता है।
- यह एक बीज बोने का त्यौहार है जिसके बाद नागा समूह से संबंधित जनजातियाँ अपनी खेती आरंभ करती हैं।
- वार्षिक उत्सव, नैतिकता को बढ़ावा देने और नागा एकजुटता के बंधन को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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याओसांग / योशांग:-
फाल्गुन (फरवरी/मार्च) की पूर्णिमा के दिन से आरंभ होकर पाँच दिनों तक मनाया जाने वाला याओशांग मणिपुर का प्रमुख त्योहार है।
एक प्रकार का मणिपुरी नृत्य, जहाँ लड़के और लड़कियां एक साथ हाथ पकड़कर एक घेरे में गाते और नृत्य करते हैं, विशेष रूप से इस त्योहार से जुड़ा हुआ है-
- लड़के-लड़कियाँ और यहाँ तक कि बूढ़ी औरतें भी घर-घर जाकर दान इकट्ठा करते हैं और इकट्ठा किया गया पैसा पार्टियों और दावतों पर खर्च किया जाता है।
- वास्तव में, मणिपुर के लिए याओसांग / योशांग वही है जो बंगाल के लिए दुर्गा पूजा है और उत्तर भारत में दिवाली और असम के लिए बिहू है।
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चेइराओबा: मणिपुरी नव वर्ष:-
त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं और विशेष उत्सव के व्यंजन तैयार करते हैं जिन्हें पहले विभिन्न देवताओं को चढ़ाया जाता है।
- अप्रैल के महीने में मनाए जाने वाले इस अनुष्ठान के एक भाग में ग्रामीणों को निकटतम पहाड़ी की चोटी पर चढ़ना शामिल है, इस विश्वास के साथ कि यह उन्हें अपने सांसारिक जीवन में अधिक ऊँचाइयों तक पहुंचने में सक्षम करेगा।
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कांग: मणिपुर की रथ यात्रा:-
मणिपुर के हिंदुओं के सबसे बड़े/महान त्योहारों में से एक, यह त्योहार जुलाई के महीने में दस दिनों तक मनाया जाता है।
- भगवान जगन्नाथ अपने मंदिर से एक कार में निकलते हैं जिसे मणिपुर में "कांग" के नाम से जाना जाता है, जिसे भक्त खींचते हैं और इस सम्मान के लिए एक-दूसरे से होड़ करते हैं।
सितंबर के महीने में मनाई जाने वाली हेइक्रू हितोंगबा एक नाव दौड़ है। बड़ी संख्या में नाविकों को बैठाने के लिए लंबी संकरी नावों का उपयोग किया जाता है। दौड़ शुरू होने से पहले भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित की जाती है।
मणिपुरियों का एक सामाजिक त्योहार है। यह मैतेई लोगों का प्रमुख लोकप्रिय त्योहार है।
- इस त्योहार में परिवार की विवाहित बेटियाँ अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर आती हैं और शानदार दावत का आनंद लेती हैं। यह पारिवारिक पुनर्मिलन का एक रूप है।
- यह मणिपुर कैलेंडर प्रणाली के अनुसार हियांगेई (नवंबर) महीने में अमावस्या के दूसरे दिन मनाया जाता है।
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कुट: कुकी-चिन-मिज़ो का त्योहार:-
यह त्योहार प्रति वर्ष 1 नवंबर को मनाया जाता है। यह मणिपुर के कुकी-चिन-मिज़ो समूहों की विभिन्न जनजातियों का एक शरद ऋतु त्योहार है।
- विभिन्न जनजातियों के बीच अलग-अलग स्थानों पर इस त्योहार का अलग-अलग वर्णन किया गया है, जैसे चवांग कुट या खोडौ आदि।
- यह उन ग्रामीणों के लिए एक खुशी का अवसर है, जिनके पास एक साल की कड़ी मेहनत के बाद भोजन का भंडार प्रचुर मात्रा में है। यह त्योहार प्रति वर्ष 1 नवंबर को मनाया जाता है।
रमज़ान ईद मणिपुर में मणिपुरी मुसलमानों (मैतेई पंगल) का सबसे लोकप्रिय त्योहार है और इसे मुस्लिम दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह खुशी और उत्सव की सामान्य भावना के साथ मनाया जाता है।
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चुम्फा: तंगखुल नागाओं का त्योहार:-
दिसंबर महीने में सात दिनों तक मनाया जाने वाला चुम्फा महोत्सव रंगखुल नागाओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
- यह उत्सव फसल कटाई के बाद आयोजित किया जाता है। अंतिम तीन दिन सामाजिक समारोहों और आनंद-उल्लास के लिए समर्पित हैं।
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क्रिसमस: ईसाइयों का त्योहार:-
क्रिसमस सभी ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो 24 और 25 दिसंबर को दो दिनों तक हर्षोल्लास और पवित्रता के साथ मनाया जाता है।