हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दो-तिहाई बहुमतके साथ वापस सत्ता में आई। इस जीत ने 1998 में सत्ता गंवाने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा के लिए 27 साल का राजनीतिक वनवास भी खत्म कर दिया है।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) जो लगातार चौथी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही थी का प्रदर्शन निराशाजनक था और उसके पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई शीर्ष नेतृत्व, चुनाव हार गए ।
आम आदमी पार्टी की निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ,अपनी विधानसभा सीट बचाने में कामयाब रहीं लेकिन चुनावी परिणाम आने के बाद उन्होने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
7वीं दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है और उससे पहले बीजेपी के नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने की उम्मीद है।
इस बार के चुनाव में,70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को 48 सीटें मिलीं, जबकि आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटें जीत सकी। पिछली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 सदस्य थे जबकि भाजपा के 8 सदस्य थे।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की 8वीं विधान सभा के गठन के लिए चुनाव 5 फरवरी 2025 को हुआ था। एकल चरण के चुनाव में 60.54% मतदान हुआ और जिसमें 94.5 लाख से अधिक लोगों ने वोट डाले।
भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी को 45.74% वोट मिले, आम आदमी पार्टी को 43.78% वोट मिले, जबकि कांग्रेस पार्टी को कुल वैध वोटों में से 6.37% वोट ही मिले।
नोटा (इनमें से कोई नहीं) को 0.57% वोट मिले।
नोटा की शुरुआत 2013 में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद चुनाव आयोग द्वारा की गई थी। नोटा विकल्प के तहत मतदाता नोटा का विकल्प चुनकर राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।
अंतिम परिणाम
बीजेपी-48 सीट
एपीपी-22 सीट
कुल-70 सीट
आम आदमी पार्टी के संस्थापक और पार्टी के मुख्य चेहरे, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली विधान सभा सीट हार गए।
बीजेपी के उम्मीदवार परवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 वोटों से हराया।
सितंबर 2024 में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी मार्लेना, जो एनसीटी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी महिला थीं, ने कालकाजी विधान सभा क्षेत्र से चुनाव जीती।
आम आदमी पार्टी के अन्य प्रमुख नेता जो चुनाव हारा - पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन और सौरभ भारद्वाज।
कांग्रेस तीसरी बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में एक भी सीट जीतने में असफल रही। इससे पहले पार्टी को 2015 और 2020 के विधान सभा चुनावों में भी एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी।
2025 के चुनाव में, कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन 67 निर्वाचन क्षेत्रों में उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
26 जनवरी 1950 को संविधान के लागू होने के बाद देश में तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय राज्यों और रियासतों को चार समूहों ए, बी, सी और डी में विभाजित किया गया था।