रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम, स्वीडन ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में 2024 स्वेरिगेस रिक्सबैंक पुरस्कार के लिए डारोन एसेमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स रॉबिन्सन को चुना है। इन तीन अर्थशास्त्रियों को उनके उस अग्रणी अध्ययन के लिए चुना गया है, जिसमें दिखाया गया था कि कैसे उपनिवेशवादियों द्वारा गुलाम देशों में शुरू की गई राजनीतिक और आर्थिक प्रणालियाँ यह निर्धारित कर सकती हैं कि वह ग़ुलाम देश आज़ादी के बाद आज अमीर है या गरीब।
तीनों अर्थशास्त्री को 10 दिसंबर 2024 को स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित एक समारोह में 11 मिलियन क्रोनर पुरस्कार साझा करेंगे। 10 दिसंबर को अफ़्रेड नोबेल की पुण्य तिथि है जिनके नाम पर यह पुरस्कार शुरू किया गया है।
डारोन एसेमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स रॉबिन्सन ने किसी देश को अमीर या गरीब बनाने में यूरोपीय उपनिवेशवाद की भूमिका पर शोध किया है ।
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने पाया कि जिस उपनिवेशित देश में कानून का शासन कमजोर है आबादी का शोषण करने वाली राज्य संस्थाओं हैं,वे देश आज़ादी के बाद समृद्ध होने में विफल रहे हैं ।
इन देशों में स्थापित राजनीतिक या आर्थिक संस्थाएँ ,यूरोपीय उपनिवेशवादियों द्वारा पेश की गईं थीं ।
जिन देशों में यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने शोषणकारी व्यवस्था लागू की और अपने फायदे के लिए स्थानीय आबादी और संसाधनों का शोषण किया, वहां आजादी के बाद कम वृद्धि देखी गई।
गुलामी, दास प्रथा उपनिवेशवादियों द्वारा शुरू की गई शोषणकारी प्रणालियों के कुछ उदाहरण हैं जहां शक्तियां कुछ हाथों में केंद्रित थीं।
जिन उपनिवेशों में उपनिवेशवादियों ने समावेशी संस्थाएँ शुरू कीं, वे देश आज़ादी के बाद समृद्ध हुए।
समावेशी प्रणाली का अर्थ है जहां उपनिवेशवादियों ने कानून का शासन, आधुनिक शिक्षा प्रणाली, प्रगतिशील सामाजिक नीतियां आदि लागू कीं।
नोबेल पुरस्कार के तीनों पुरस्कार विजेता अमेरिका स्थित अर्थशास्त्री हैं।
डारोन एसेमोग्लू एक तुर्की मूल के अमेरिकी नागरिक हैं जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाते हैं।
साइमन जॉनसन एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री हैं जो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाते हैं और जेम्स रॉबिन्सन एक ब्रिटिश-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार 1900 में नोबेल फाउंडेशन द्वारा भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, शांति और साहित्य में नोबेल पुरस्कार की स्थापना की गई थी। ये पुरस्कार पहली बार 1901 में दिये गये थे।
1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक, स्वेरिजेस रिक्सबैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार की स्थापना की।
यह पुरस्कार, जिसे आम तौर पर अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार कहा जाता है, पहली बार 1969 में दिया गया था।
स्वेरिजेस रिक्सबैंक ने 1968 में नोबेल फाउंडेशन को धन दान दिया था और उस दान से अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार के विजेता को पुरस्कार राशि दी जाती है।
केवल एक भारतीय को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए 1998 में पुरस्कार मिला।