राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का चौथा संस्करण 30 और 31 जुलाई 2024 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को हिंदी में अपने काम को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान ,हिंदी भाषा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान को समृद्ध करना और हिंदी भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है ।
सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग और विज्ञान संचार के विविध विषयों पर छह सत्र आयोजित किए गए।
चौथे राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-उन्नत सामग्री और प्रक्रिया अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एएमपीआरआई), भोपाल द्वारा किया गया था।
सीएसआईआर-एएमपीआरआई ने विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल, मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल; सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के सहयोग से इसका आयोजन किया था।
चौथे राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का विषय "अमृतकाल में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना का उन्नयन" था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमृत कल या अमृत युग की अवधारणा पेश की थी ।
अमृत काल, 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का प्रधान मंत्री का लक्ष्य है, जिसमे देश को अपनी सभी आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर प्राप्त होगा।