नए सदस्यों के साथ ब्रिक्स देशों के समूह की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक 10 जून 2024 को रूसी शहर निज़नी नोवगोरोड में हुई। ब्रिक्स के विदेश/अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्रियों की दो दिवसीय (10 और 11 जून 2024) बैठक की मेजबानी रूस ने की, क्योंकि वह ब्रिक्स का वर्तमान अध्यक्ष है।
मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इथियोपिया पहली ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल हुए
22 से 24 अगस्त 2023 तक जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 15वीं ब्रिक्स शिखर बैठक में, छह देशों-अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
अर्जेंटीना ने समूह में शामिल होने से इनकार कर दिया, जबकि मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात 1 जनवरी 2024 को ब्रिक्स समूह में शामिल हो गए।
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका पहले से ही समूह के सदस्य थे।
रूस ने 1 जनवरी 2024 को दक्षिण अफ्रीका से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाली।
रूस 22 से 24 अक्टूबर 2024 तक 16वें वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा जिसमे सदस्य देशों के नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है।
आगामी 16वीं वार्षिक ब्रिक्स शिखर बैठक की तैयारी के लिए सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक रूस में आयोजित की गई थी ।
चूँकि 10 जून 2024 को डॉ. एस जयशंकर को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया था इसीलिए विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू होने के समय भारत में आधिकारिक तौर पर कोई विदेश मंत्री नहीं था।
इस कारण इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में (आर्थिक संबंध) सचिव दम्मू रवि ने किया।
ब्रिक्स विदेश मंत्री बैठक की मेजबानी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने की थी ।
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की अगली बैठक 10 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में शुरू होने वाली 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के इतर होगी। ब्राजील इस बैठक की मेजबानी करेगा क्योंकि वह रूस के बाद ब्रिक्स का अगला अध्यक्ष होगा।
ब्रिक्स एक अंतरसरकारी संगठन है जिसमें मूल रूप से चार देश शामिल थे - ब्राजील, रूस, भारत और चीन।
गोल्डमैन साच्स (Goldman Sachs) के लिए काम करने वाले ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ नील ने 2001 में संक्षिप्त नाम BRIC (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) गढ़ा था। उनका मानना था कि ये देश 2050 तक वैश्विक आर्थिक विकास दर में सबसे तेज़ी से बढ़ेंगे ।
ब्रिक देशों की पहली विदेश मंत्रियों की बैठक 2006 में न्यूयॉर्क में हुई थी।
ब्रिक देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक जून 1996 में येकातेरिनबर्ग, रूस में आयोजित की गई थी।
2010 में दक्षिण अफ्रीका के इस समूह में शामिल होने के बाद समूह का नाम बदलकर ब्रिक्स (BRICS)कर दिया गया।
मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने के साथ, ब्रिक्स सदस्यों की कुल संख्या 10 हो गई है।
ब्रिक्स देश आर्थिक रूप से दुनिया का एक महत्वपूर्ण समूह है। विश्व की लगभग आधी आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है। विश्व कच्चे तेल के उत्पादन और निर्यात में इनका योगदान लगभग 40 प्रतिशत है। वे वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान करते हैं और वस्तुओं के वैश्विक व्यापार में उनका योगदान लगभग दो-पांचवां हिस्सा है।
ब्रिक्स का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है, और इसकी अध्यक्षता हर साल सदस्य देशों के बीच अङ्ग्रेज़ी भाषा के वर्णमाला क्रम में बदलती रहती है।
इस प्रकार रूस के बाद ब्राजील ब्रिक्स का अगला अध्यक्ष होगा।