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यूपीएससी मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए 2 महीने की रणनीति

Utkarsh Classes Last Updated 03-01-2024
यूपीएससी मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए 2 महीने की रणनीति

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, भारत में आयोजित होने वाली सबसे जटिल/कठिन परीक्षाओं में से एक है।  इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए उम्मीदवारों को बुद्धिमान, धैर्यवान और अत्यंत कुशल होना चाहिए।  यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 28 मई 2023 को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम भी घोषित किए जा चुके हैं। प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023,  16 सितंबर 2023 से आयोजित की जायेगी।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने हेतु उम्मीदवारों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि एक सधी हुई और सटीक रणनीति विकसित की जाये जिसके माध्यम से परीक्षा में उनके प्रदर्शन को बेहतर करने के साथ-साथ अधिकतम अंक प्राप्त कर सकें। अनुभवी उम्मीदवारों को इस बात की बेहतर समझ है कि, प्रारंभिक परीक्षा के पश्चात क्या करना है, जबकि ज्यादातर नए उम्मीदवार यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति को लेकर भ्रमित रहते हैं। इस लेख में, हम यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए सधी हुई रणनीति और सटीक अध्ययन-योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जो कि उम्मीदवारों को अंतिम मेधा सूची में एक अच्छी रैंक हासिल करने में सहायता करेगी।

मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न

प्रारंभिक परीक्षा-2023 में सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यूपीएससी मुख्य परीक्षा को दो खंडों में विभाजित किया गया है: पहला, क्वालीफाइंग प्रश्नपत्र और दूसरा, मेरिट(मेधा) परीक्षा।

 

  • भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी (प्रश्नपत्र ए और प्रश्नपत्र बी) के प्रश्नपत्र क्वालीफाइंग प्रकृति के होते हैं जिनका स्तर/मानक मैट्रिकुलेशन(कक्षा 10वीं) या उसके समान होता है। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम के उम्मीदवारों को भारतीय भाषा के प्रश्नपत्र ए में शामिल होने/देने की आवश्यकता नहीं होती है।  रैंकिंग(क्रम-सूची या स्थान) निर्धारण में इन प्रश्नपत्रों के अंकों को शामिल नहीं किया जाता है।

 

  • केवल प्रश्नपत्र I-VII में प्राप्त अंक ही उम्मीदवारों का मेधावी-सूची में स्थान निर्धारण के लिए शामिल किए जाते हैं। हालाँकि, संघ लोक सेवा आयोग के पास इनमें से किसी या सभी पेपर में अर्हक-अंक निर्धारित करने का अधिकार होगा।

 

  • यूपीएससी मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को एक वैकल्पिक विषय का चयन करना अनिवार्य होता है। जिसमें 250-250 अंकों के दो प्रश्नपत्र होंगें ।

 

मुख्य परीक्षा में कुल नौ प्रश्नपत्र शामिल किये गए हैं।  निम्नलिखित तालिका में मुख्य परीक्षा के सभी  प्रश्नपत्रों का उल्लेख किया गया है:

क्रम संख्या

प्रश्नपत्र

विषय

अवधि

कुल अंक

  1.  

प्रश्नपत्र-ए

अनिवार्य भारतीय भाषा

तीन घंटे

300

  1.  

प्रश्नपत्र-बी

अंग्रेजी

तीन घंटे

300

  1.  

प्रश्नपत्र- I

निबंध

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र-II

सामान्य अध्ययन- I

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र- III

सामान्य अध्ययन- II

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र- IV

सामान्य अध्ययन- III

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र- V

सामान्य अध्ययन- IV

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र- VI

वैकल्पिक विषय -I

तीन घंटे

250

  1.  

प्रश्नपत्र- VII

वैकल्पिक विषय- II

तीन घंटे

250

 

कुल योग

   

1750

 

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के  प्रश्नपत्रों का पाठ्यक्रम

यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को समझना होता है। निम्नलिखित तालिका में सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों के पाठ्यक्रम का विवरण दिया गया है:

 

                            यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र-1

भारतीय कला एवं संस्कृति

भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

आधुनिक भारत 

18वीं सदी(1750 ई.) के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

"स्वतंत्रता संग्राम" इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति और उनका योगदान।

स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन

विश्व इतिहास 

18वीं शताब्दी और उपनिवेशवाद की समाप्ति के रूप और उसका समाज पर प्रभाव

विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे।

भारतीय सामाज

भारतीय समाज उसकी विविधता की मुख्य विशेषतायें

 

सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता

 

महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय

 

भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव

भूगोल

भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ

 

दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण,  विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक

विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ

भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव

यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र-2

राज्यव्यवस्था

भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना तथा संवैधानिक और गैर-संवैधानिक संस्थायें।

शासन व्यवस्था

सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय

सामाजिक न्याय

स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित मुद्दे, सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय, गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय

अंतरराष्ट्रीय संबंध

द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार

यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र-3

अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय

भारतीय बजटीय प्रणाली

बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि

निवेश मॉडल (पीपीपी इत्यादि)

समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय

1991 के बाद उदारीकरण तथा निजीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव

कृषि

मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।

पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।

प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन;

भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन

भारत में भूमि सुधार

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर प्रभाव

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ

सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और विषयों के संबंध में जागरुकता

बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित

आन्तरिक सुरक्षा & आपदा प्रबंधन

आपदा प्रबंधन (कानून,  अधिनियम इत्यादि)

आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका

विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध

साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना

संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका

सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध

विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश

यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र- 4

नीतिशास्त्र

मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका,

भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान

अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र,

उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)

सत्यनिष्ठा

लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था

अभिरुचि

सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना

भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग

 

2 महीने में यूपीएससी मुख्य परीक्षा- 2023 की तैयारी कैसे करें? 

यूपीएससी मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये अत्यधिक परिश्रम, समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है। सटीक रणनीति और योजनाबद्ध मजबूत तैयारी के साथ, आप  इस परीक्षा को उत्तीर्ण करके अपने उद्देश्यों की प्राप्ति कर सकते हैं। यूपीएससी मुख्य परीक्षा में प्रश्नपत्रों की प्रकृति वर्णनात्मक प्रकार की होती है। जिसके लिए प्रत्येक प्रश्नपत्र के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

प्रश्नपत्रों में दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखने में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, यूपीएससी मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम की सम्पूर्ण समझ अति-आवश्यक है। यूपीएससी मुख्य परीक्षा-2023 में बेहतर प्रदर्शन और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:

  1. पाठ्यक्रम का विश्लेषण करें और उसे समझें !

पढ़ाई शुरू करने से पहले, आपको यूपीएससी मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम से परिचित होना चाहिए।  आपको पाठ्यक्रम में शामिल महत्वपूर्ण विषयों के बारे में पता होना चाहिए और उनमें से प्रत्येक विषय की बुनियादी समझ भी होनी चाहिए। यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम के बारे में उम्मीदवार को जानकारी होनी चाहिए जिसमें राज्यव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, भूगोल, इतिहास आदि जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है।

  1. पाठ्यक्रम को सुव्यवस्थित करें!

यूपीएससी मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम अत्यधिक विस्तृत है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उम्मीदवारों को इतिहास, भूगोल, कला और संस्कृति, समाज आदि जैसे विभिन्न विषयों को एक ही प्रश्नपत्र में पढ़ना होता है। यदि आप स्वयं भी पाठ्यक्रम का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करेंगें, तो पायेंगें की ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन पर कम ध्यान देने की आवश्यकता है।  कम अंक दिलाने वाले कुछ विषयों/मुद्दों को विलोपित किया या हटाया जा सकता है, जो कि पाठ्यक्रम के विस्तार को सीमित करने का हिस्सा है।  इससे आपका समय बचेगा साथ ही अन्य अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

 

  1. एक सटीक/उचित समय-सारिणी या अध्ययन-योजना बनाएं !

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए जल्दबाजी में अवास्तविक(जिसे पूरा कर पाना सम्भव न हो) अध्ययन-योजना बनाने से बचें। परीक्षा के लिए अध्ययन-योजना बनाने से पहले, अपने मौजूदा दिनचर्या पर विचार करें, चाहे आप एक कामकाजी पेशेवर हों या फिर कॉलेज में अध्ययनरत छात्र। इसतरह अपनी दिनचर्या का विंदुबार विश्लेषण आपको यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि आप प्रतिदिन अध्ययन के लिये कितना समय आवंटित कर सकते हैं।

  1. समसामयिकी(करेंट अफेयर्स) और समाचार पत्र के विश्लेषण को शामिल(कवर) करें!

उम्मीदवारों को मासिक समसामयिक पत्रिका, योजना पत्रिका, कुरूक्षेत्र पत्रिका, इंडिया ईयर बुक, आर्थिक सर्वेक्षण, महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम और समसामयिक नोट्स पढ़ना चाहिए। नियमित प्रकाशित किये जाने वाले समाचार पत्रों में  लगातार सुर्खियों में बनी रहने वाली विषयों या मुद्दों को संबंधित पाठ्यक्रम के साथ जोड़कर पढ़ना और समझना चाहिए। यूपीएससी मुख्य परीक्षा-2023 की तैयारी के लिए आपको नियमित अखबार जरूर पढ़ना चाहिए। साथ ही किसी भी अच्छे राष्ट्रीय समाचार पत्र का संपादकीय खंड पढ़ें, जैसे कि द हिंदू या इंडियन एक्सप्रेस इत्यादि।

 

  1. टेस्ट सीरीज हल करें और नियमित अभ्यास करें!

टेस्ट सीरीज, यूपीएससी मुख्य परीक्षा की व्यापक तैयारी-योजना का हिस्सा है। टेस्ट सीरीज़ में पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जाता है जो आपको उत्तर-लेखन का अभ्यास करने में मदद करता है। उम्मीदवारों को टेस्ट सीरीज़  में अवश्य शामिल होना चाहिए, और उन्हें नियमित रूप से मुख्य परीक्षा मॉक टेस्ट सीरीज का अभ्यास करते रहना चाहिए।

  1. उत्तर-लेखन का अभ्यास बढ़ाएँ

मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्रों की प्रकृति वर्णनात्मक प्रकार की होती है इसीलिए यह आवश्यक हो जाता है कि अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की  तैयारी-योजना में उत्तर-लेखन के लिए पर्याप्त समय आवंटित करे। प्रश्नों के उत्तर-लेखन अभ्यास के लिये प्रतिदिन एक घंटे का समय अलग से निर्धारित करें। अपने प्रदर्शन की स्थिति जानने के लिये, लिखे उत्तरों की समीक्षा अपने गुरुओं या वरिष्ठों से अवश्य करवाएं। और शुरुआती दिनों में अपने उत्तर के प्रति उनकी बेकार प्रतिक्रियाओं के बारे में चिंता न करें। क्योंकि अभ्यास परिपूर्ण बनाता है, जितना संभव हो उतने उत्तर-लेखन का अभ्यास करें।

  1. वैचारिक स्पष्टता और समकालीन/समसामयिक विषयों पर ध्यान दें!

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए एक ठोस वैचारिक आधार की आवश्यकता होती है। आपको उन सभी विषयों के प्रति अपने वैचारिक दृष्टिकोण में सुधार करने की आवश्यकता है जो विषय या मुद्दे मुख्य परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। यूपीएससी के पाठ्यक्रम से संबंधित समसामयिक विषयों का व्यापक विश्लेषण करने के साथ-साथ उसके प्रति अपनी समझ विकसित करें समसामयिक विषयों का विस्तार अपने आप मे व्यापक है इसीलिए इसपर महारत हासिल करके अनावश्यक तिथियों, घटनाओं, पुरुष्कारों, आकड़ो आदि को रटने से बचें। साथ ही प्रभावी और चयनित रूप से निर्धारित समय पर इसे पूरा करने के साथ समसामयिक मुद्दों को संबंधित विषयों को संयोजित करके पढ़ें।

  1.  अपना मूल्यांकन करें! 

नियमित रूप से टेस्ट सीरीज़ और रिवीजन के माध्यम से अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी का मूल्यांकन करें। इससे आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि आपकी तैयारी सटीक रास्ते पर है, या नहीं। अपने यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी के प्रत्येक चरण में अपनी प्रगति को परखने के  साथ-साथ उसका मूल्यांकन भी करते रहें।

दो महीने में यूपीएससी मुख्य परीक्षा-2023 की तैयारी करने के लिए विस्तृत समय-सारिणी

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के विस्तृत पाठ्यक्रम को पूर्ण रूप से पढ़ने/कवर करने और दोहराने(रिवीजन) के लिए, उम्मीदवारों के पास एक सटीक और सधी हुई अध्ययन-योजना का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित विस्तृत समय-सारणी का पालन करते हुये उम्मीदवार समयबद्ध तरीके से यूपीएससी मुख्य परीक्षा के विस्तृत पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं। यह समय-सारिणी आपको प्रत्येक विषयों को दोहराने या रिवीजन के लिए उचित समय-निर्धारण में भी मदद करेगी।

समयावधि

पढ़ने के लिए विषय

प्रतिदिन उत्तर-लेखन अभ्यास 

1 जुलाई से 7 जुलाई

सामान्य अध्ययन 1

सामान्य अध्ययन 1 

8 जुलाई

दोहराना

निबन्ध-लेखन

9 जुलाई से 15 जुलाई

सामान्य अध्ययन 2

सामान्य अध्ययन 2   

16 जुलाई

दोहराना

निबन्ध-लेखन

17 जुलाई से 23 जुलाई

सामान्य अध्ययन 3

सामान्य अध्ययन 3 

24 जुलाई

दोहराना

निबन्ध-लेखन

25 जुलाई से 27 जुलाई

सामान्य अध्ययन 4

सामान्य अध्ययन 4 

28 जुलाई

दोहराना

निबन्ध-लेखन

29 जुलाई से 31 जुलाई

अनिवार्य भाषा प्रश्नपत्र

निबन्ध-लेखन

1 अगस्त से 14 अगस्त

वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र 1

वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र 1

15 अगस्त

दोहराना

निबन्ध-लेखन

16 अगस्त से 30 अगस्त

वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र 2

वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र 2

31 अगस्त

दोहराना

निबन्ध-लेखन

 

2 महीने में यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स

हालांकि 2 महीने में यूपीएससी मुख्य परीक्षा की सम्पूर्ण तैयारी थोड़ा जटिल/कठिन लग सकती है, परन्तु ऐसा नहीं है। यह एक ऐसी परीक्षा है जिसे सुनियोजित और सटीक अध्ययन-योजना के माध्यम से उत्तीर्ण किया जा सकता है। बस आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूर्ण-समर्पित और प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। 2 महीने में मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित सुझावों को अपनाना चाहिए:

  1. स्वयं का आत्मबल बढ़ाने के लिए ऐसी मानसिकता विकसित करें कि "आप यह कर सकते हैं"।

2.   अपने आप को अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित रखें और बताते रहें कि आप कर सकते हैं और आपको यह करना ही चाहिए। आप अपने गुरुओं से भी बात कर सकते हैं और यूट्यूब पर प्रेरक फिल्में भी देख सकते हैं।

3. प्रतिदिन की एक ऐसी कार्ययोजना बनाएं जिसमें सुबह से लेकर रात्रि विश्राम तक की प्रत्येक गतिविधि शामिल हो।

4. निर्धारित करें कि किन विषयों में अधिक समय और ध्यान देने की आवश्यकता है और  किनको कम समय में भी पूरा किया जा सकता है।

5.  आपको दिनभर जो कुछ भी करना है  उसकी योजनाबद्ध तरीके से एक सूची बनाएं और प्रत्येक कार्य के लिए उसकी महत्ता के अनुरूप समय आवंटित करें।

6.  यह सुनिश्चित करने के लिये नियमित रूप से अपना मूल्यांकन करें कि, आप जो सीख/पढ़ रहे हैं  वह आपको याद भी है या नहीं। अन्यथा, आपको शून्य से शुरुआत करनी पड़ सकती है।

7. प्रश्नों के उत्तर-लेखन के लिए दैनिक या साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित करें और उसका नियमित रूप से अनुसरण करें। अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए इन दो महीनों को अत्यधिक उत्पादक बनायें / अधिकतम लाभ उठाएँ।

8.    केवल पढ़ने के बजाय किसी भी मुद्दे पर समूह में चर्चा करें, यह आपको उन विषयों/मुद्दों को याद रखने के साथ-साथ और उस विषय के प्रति और विश्लेषणात्मक समझ विकसित करेगा।

9. आप मॉक परीक्षा और सैंपल(नमूना) पेपर लेकर अभ्यास कर सकते हैं। पिछली परीक्षाओं के पेपर भी आपकी क्षमताओं का आकलन करने में काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

 

परीक्षा के प्रति पूर्ण-समर्पण और एकाग्रता आपको दो महीने में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने में सक्षम बनाएगी। अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और अधिक से अधिक समय अपनी तैयारी में लगाएं। तत्काल अपनी तैयारी शुरू करें और पाठ्यक्रम पूरा करें। कुछ भी असंभव नहीं है, फिर यह सोचना कि आपके पास कम समय है, आपको हतोत्साहित कर सकता है। सीमित समय में संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इसे असंभव न समझें। यह निर्धारित करने के लिए कि कौन से विषय अधिक महत्वपूर्ण हैं, विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें। सटीक और सधी हुई रणनीति के साथ-साथ चयनात्मक और समर्पित अध्ययन आपको दो महीने में इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने में सहायता करेगी।

 

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