पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 7 सितंबर 2023 को ,'पोइला बैसाख' को राज्य दिवस के रूप में नामित करने का प्रस्ताव पारित किया। पोइला बैसाख ,बंगाली कैलेंडर का पहला दिन है और यह भारत में बंगाली समुदाय द्वारा हर साल 15 अप्रैल को मनाया जाता है।
प्रस्ताव में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के 'बांग्लार माटी, बांग्लार जोल' (बंगाल की मिट्टी, बंगाल का पानी) को राज्य गीत बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया ।
पश्चिम बंगाल विधान सभा के 167 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हालाँकि बीजेपी के 62 विधायकों ने प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया। भाजपा सदस्य चाहते हैं कि 20 जून को बंगाल के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाए। पश्चिम बंगाल विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 294 है।
पिछले साल केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 20 जून को बंगाल स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 20 जून 1947 के दिन बंगाल विधान सभा के गैर मुस्लिम सदस्यों ने बंगाल के विभाजन और भारतीय संविधान सभा में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया था। इससे वर्तमान पश्चिम बंगाल का निर्माण हुआ।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की कट्टर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का ममता बनर्जी का तर्क है कि 20 जून, हिंसा और रक्तपात का पर्याय है और यह बांग्ला दिवस नहीं हो सकता।
यह प्रस्ताव कोई विधेयक नहीं है ,इसलिए इसे कानून बनने के लिए राज्य के राज्यपाल की सहमति की आवश्यकता नहीं है। 2018 में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य का नाम पश्चिम बंगाल के बजाय बांग्ला करने का प्रस्ताव पारित किया था । हालाँकि जब तक संसद एक सक्षम कानून पारित नहीं करती, किसी राज्य का नाम नहीं बदला जा सकता। संसद ने अभी तक ऐसा कोई कानून पारित नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल: सीवी आनंद बोस
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री :ममता बनर्जी