साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान (एसआईएनपी) और परिवर्तित ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र (वीईसीसी) के पूर्व निदेशक एवं जाने-माने भौतिकशास्त्री विकास सिन्हा का 11 अगस्त 2023 को कोलकाता में निधन हो गया।
78 वर्षीय विकास सिन्हा बुढ़ापे संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। श्री सिन्हा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए वर्ष 2001 में ‘पद्म श्री’ और 2010 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित प्रख्यात वैज्ञानिक सिन्हा थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु भौतिक विज्ञानी विकास सिन्हा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने विकास सिन्हा को विज्ञान के प्रति विशेषकर परमाणु भौतिकी और उच्च ऊर्जा भौतिकी के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए याद रखा जाएगा। एक जीवंत रिसर्च इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए उनका उत्साह स्मरणीय है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक प्रतिभाशाली परमाणु भौतिक विज्ञानी और पश्चिम बंगाल का प्रतिभाशाली पुत्र बताया।
श्री सिन्हा के नेतृत्व में एसआईएनपी और वीईसीसी ने कण भौतिकी के क्षेत्र में प्रयोगों के लिए सीईआरएन (यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन) के साथ सहयोग किया था।
श्री सिन्हा के पास वीईसीसी में ‘होमी भाबा चेयर’ थी और वह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फेलो थे।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कंडी में एक जमींदार परिवार में जन्मे विकास सिन्हा ने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से भौतिकी विषय की पढ़ाई की थी। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज गए।
श्री सिन्हा इटली की तीसरी विश्व विज्ञान अकादमी सहित कई अकादमियों के फेलो रहे और उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते।
श्री सिन्हा को 1994 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ का एस एन बोस जन्म शताब्दी पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार ने 2022 में राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘बंगबिभूषण’ और उसी वर्ष ‘रवींद्र स्मृति पुरस्कार’ से सम्मानित किया था।
श्री सिन्हा पश्चिम बंगाल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे थे। श्री सिन्हा बांग्ला भाषा में विज्ञान पर नियमित रूप से लिखा करते थे।