प्रोफेसर नारायण प्रधान और प्रोफेसर नीलेश बी मेहता को क्रमशः पदार्थ विज्ञान(मटेरियल साइन्स ) और वायरलेस संचार में उनके योगदान के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जीडी बिड़ला पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2 अगस्त 2023 को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह पुरस्कार प्रदान किया ।
इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन साइंसेज, जादवपुर, पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर नारायण प्रधान को 2021 के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जीडी बिड़ला पुरस्कार मिला। उन्हें अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अगली पीढ़ी के फोटोवोल्टिक सेल बनाने पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है।
भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के प्रोफेसर नीलेश बी मेहता को 2022 के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रतिष्ठित जीडी बिड़ला पुरस्कार मिला। प्रोफेसर मेहता को वर्तमान और अगली पीढ़ी के वायरलेस संचार प्रणालियों के डिजाइन, मॉडलिंग, विश्लेषण और अनुकूलन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया है।
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए जीडी बिड़ला पुरस्कार की स्थापना 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा की गई थी।
जीडी बिड़ला पुरस्कार भारत में काम करने वाले 50 वर्ष से कम उम्र के भारतीय वैज्ञानिकों को दिया जाता है।
यह पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा चिकित्सा विज्ञान, बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी की किसी भी शाखा के क्षेत्र में किए गए उनके शोध कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है।
इस पुरस्कार में 2.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।