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ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी द्वारा ईरान पर परमाणु प्रतिबंध जारी

Utkarsh Classes Last Updated 29-02-2024
Nuclear Sanctions on Iran by the UK, France, and Germany Continue International news 4 min read

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई3) ने पूर्व में ईरान पर लगाई गई परमाणु प्रसार संबंधी प्रतिबंध को बरकरार रखने की घोषणा की है। 

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी द्वारा ईरान पर वर्ष 2015 में ‘ईरान परमाणु समझौते’ के उलंघन करने पर प्रतिबन्ध आरोपित किए गए थे। इस प्रतिबन्ध की अवधि अक्टूबर 2023 में समाप्त होने वाली है। 

यूरोप के इन तीन देशों (ई3) द्वारा इसे जारी रखने का कारण: 

  • इस सन्दर्भ में ऐसा माना जा रहा है कि रूस-युक्रेन संघर्ष में ईरान के द्वारा रूस को ड्रोन और मिसाइल की आपूर्ति करना पश्चिमी देशों के विरुद्ध था।
  • ई3 देशों का मानना है कि ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास और परीक्षण करके और यूक्रेन पर युद्ध के लिए रूस को ड्रोन भेजकर प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है।

ज्वाइंट कांप्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन डील: 

  • वर्ष 2015 में ईरान ने ज्वाइंट कांप्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन डील किया था। जिसे  2015 ईरान न्यूक्लिर डील के तौर पर भी जाना जाता है।
  • इस डील के तहत ईरान ने न्यूक्लियर गतिविधियों को सीमित करने का समझौता किया था। इस समझौते के तहत ईरान किसी भी देश को मिसाइल या ड्रोन न खरीद सकता है और न बेच सकता है। 

ई3 ने ईरान के समक्ष रखी शर्त: 

  • इन तीन देशों (ई3) के मंत्रालय ने कहा है कि अगर ईरान अपनी समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने पर विचार करता है तो वे अपना निर्णय वापस ले सकते हैं। 
  • हालांकि ईरान ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि ये फैसला 'अवैध और उकसाने वाला' है।
  • समझौते के तहत इस वर्ष अक्टूबर 2023 में ईरान पर हथियारों के खरीदने और बेचने पर लगे प्रतिबन्ध समाप्त होने वाले थे।
  • इन प्रतिबंधों के समाप्त होने के बाद ईरान 300 किमी तक मारक क्षमता वाला मिसाइल या ड्रोन खरीद या बेच सकता था, लेकिन इससे पहले ही ईरान पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लग गया और प्रतिबंधों को हटाने के निर्णय पर रोक लगा दी गई।

ईरान पर पूर्व में भी लगे हैं प्रतिबन्ध:  

  • वर्ष 2006-07 में सुरक्षा परिषद द्वारा ईरान पर न्यूक्लियर व्यापार पर प्रतिबन्ध लगाई गई थी।
  • वर्ष 2010 में भी सुरक्षा परिषद द्वारा सैन्य हथियारों के खरीदने पर रोक लगा दी गई।
  • 2015 में ईरान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद ईरान को कुछ छूट मिली थी, परन्तु 2020 में अमेरिका ने दोबारा से प्रतिबंध (स्नैप वैक) की घोषणा करते हुए समझौते से खुद को बाहर कर लिया।
  • हालांकि अमेरिका के इस निर्णय हेतु तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की काफी आलोचना की गई थी। 
  • 2015 में हुए समझौते के तहत शर्त थी कि कुछ वर्षों के बाद ईरान की परमाणु गतिविधियों की समीक्षा के पश्चात प्रतिबंधों को पुर्णतः निरस्त किया जाना था।

FAQ

Ans. - ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई3)

Ans. - 2015 ‘ईरान परमाणु समझौता
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