दुनिया का पहला 100 प्रतिशत इथेनॉल-ईंधन वाली कार,टोयोटा की इनोवा हाईक्रॉस कार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 29 अगस्त 2023 को एक समारोह में पेश किया। इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी भी उपस्थित थे।
दुनिया की पहली 100 प्रतिशत इथेनॉल-ईंधन वाली कार ,भारत सरकार की आयातित पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम करने और जीवाश्म ईंधन से दूर जाने के सरकार के नीति अभियान के अनुरूप है। इस नीति के तहत ,पिछले साल, गडकरी ने टोयोटा मिराई ईवी पेश की थी , जो पूरी तरह से हाइड्रोजन-जनित बिजली पर चलती है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा विकसित इनोवा हाईक्रॉस दुनिया का पहला बीएस-6 (स्टेज II) अनुपालक प्रोटोटाइप है
बीएस-6 (स्टेज II) या भारत स्टेज -6 चरण II मानदंड 1 अप्रैल 2023 से भारत में लागू किए गए थे। इस मापदंड के तहत वाहनों से प्रदूषकों के उत्सर्जन पर सख्त सीमाएं लागू की हैं।
भारत स्टेज वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषकों को विनियमित करने के लिए भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट एक प्रदूषण उत्सर्जन मानक है। बीएस मानदंड यूरोपीय उत्सर्जन मानकों (यूरो मानदंड) पर आधारित हैं और पहली बार 2000 में निर्धारित किए गए थे।
टोयोटा के एक बयान के अनुसार, टोयोटा इनोवा का इथेनॉल-ईंधन संस्करण दुनिया का पहला बीएस-VI (स्टेज-II) विद्युतीकृत फ्लेक्स-ईंधन वाहन होगा। पिछले साल, गडकरी ने टोयोटा मिराई ईवी पेश की थी , जो पूरी तरह से हाइड्रोजन-जनित बिजली पर चलती है।
फ्लेक्स-ईंधन संगत कारों में आंतरिक दहन इंजन होते हैं और ये एक से अधिक प्रकार के ईंधन या ईंधन के मिश्रण पर चल सकते हैं। आम इस तरह के वाहन पेट्रोल या पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण पर चलता है। अभी तक पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने की अधिकतम सीमा करीब 83 फीसदी थी लेकिन यह मॉडल 100 फीसदी इथेनॉल पर चलेगा।
इथेनॉल (जिसे एथिल अल्कोहल या अल्कोहल भी कहा जाता है) एक जैव ईंधन है। भारत में यह गन्ने के गुड़, चावल और गेहूं के भूसे जैसे कृषि-अवशेषों, गन्ने के कचरे, मकई के भुट्टे आदि से प्राप्त होता है।
सरकार ने जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिए इस जैव ईंधन को पेट्रोल में मिलाने के लिए इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम शुरू किया है। भारत ने 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है।
वर्तमान में भारत प्रति वर्ष 16 लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात करता है।भारत अपनी कच्चे पेट्रोलियम तेल की आवश्यकता का लगभग 83% आयात करता है। जैव ईंधन के बढ़ते उपयोग से आयात कम करने और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी।
जैव ईंधन को अपनाने से वायु प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 20% इथेनॉल के साथ मिश्रित ईंधन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में अधिक कमी देखी गई। दोपहिया वाहनों में कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन 50% कम और चार-पहिया वाहनों में 30% कम था।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 1997 में हुई थी।
यह जापान की टोयोटा मोटर्स कॉर्पोरेशन और भारत के किर्लोस्कर समूह द्वारा स्थापित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। कंपनी में जापानी कंपनी की 89% हिस्सेदारी है और किर्लोस्कर के पास बाकी 11% हिस्सेदारी है।
मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
प्रबंध निदेशक: मासाकाज़ु योशिमुरा