केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने 24 सितंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के पहले अत्याधुनिक टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) मुंबई से संबद्ध कैंसर देखभाल सुविधा की सरकारी मेडिकल कॉलेज कठुआ के नए ब्लॉक में आरंभ किया।
वर्तमान में बढ़ती उम्र, बदलती जीवनशैली, पर्यावरण संबंधी कारकों के कारण, कैंसर की व्यापकता महामारी का रूप ले रही है और सभी प्रकृति एवं सभी अंगों के कैंसर हर जगह बढ़ रहे हैं।
- टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई का नियंत्रण प्राधिकरण ‘परमाणु ऊर्जा विभाग’ के पास है।
कठुआ में इसकी आवश्यकता क्यों?
- कठुआ में विकसित यह सुविधा जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पंजाब और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम होगा।
- टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) मुंबई के जैसी सुविधाओं का इस क्षेत्र में अभाव है।
- जीएमसी कठुआ में डे-केयर कीमोथेरेपी ऑन्को-केयर यूनिट की स्थापना से इस क्षेत्र में कैंसर का इलाज सुलभ और किफायती हो जाएगा।
- इस क्षेत्र से रोग प्रभावित लोग टीएमसी, मुंबई जाते हैं जो इन क्षेत्र के लोगों के लिए काफी असहज और काफी खर्चीला होता है।
- कठुआ में टाटा सैटेलाइट कैंसर देखभाल सुविधा इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगी।
कठुआ में अन्य स्वास्थ्य सुविधाएँ आरंभ किए जाएँगे:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, देश के विभिन्न हिस्सों में सैटेलाइट अस्पताल और टाटा मेमोरियल सेंटर की सुविधा आरंभ की गई है।
- गुवाहाटी में भी ऑन्को डीएम और एमसीएच सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रम आरंभ किए गए हैं। इस विकल्प के बारे में कठुआ के लिए भी विचार किया जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सर्किट:
- जम्मू-कश्मीर के ‘कठुआ-उधमपुर-डोडा’ संसदीय क्षेत्र तीन मेडिकल कॉलेजों, एम्स और उत्तर भारत के पहले बायोटेक पार्क जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ भारत में भविष्य का ‘स्वास्थ्य सर्किट’ बन सकता है।
- जीएमसी कठुआ में डे-केयर कीमोथेरेपी (ऑन्को-केयर) यूनिट में कैंसर का एक सुलभ और किफायती उपचार आरंभ होने के साथ ही इस क्षेत्र में किफायती और सुलभ कैंसर इलाज आरंभ हो गई है।
- केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जीएमसी कठुआ में अति आवश्यक डे-केयर कीमोथेरेपी यूनिट, 300 एलपीएम ऑक्सीजन संयंत्र और मातृ गहन चिकित्सा यूनिट का उद्घाटन किया।
- केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, आने वाले वर्षों में जीएमसी कठुआ में ऑन्को-केयर को उन्नत किया जाएगा क्योंकि इसमें ऑन्को डीएम और एमसीएच सीटें प्रदान की जाएंगी और विश्व स्तरीय कैंसर विशेषज्ञों को उपचार, व्याख्यान एवं सेमिनार के लिए यहां आमंत्रित किया जाएगा।
भारत के 2025 तक 150 बिलियन डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था प्राप्त करने का लक्ष्य:
- केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के बारे में भारत ने 'सीईआरवीएवीएसी' जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम के टीकों के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाई क्योंकि भारत में जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।
- अब भारत ने 2025 तक 150 बिलियन डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जो 2022 में 100 बिलियन डॉलर से अधिक रहा है।
भारत में बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाएँ:
- केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार किफायती, सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘स्वस्थ भारत’ का रोडमैप है।
- यह इस तथ्य से भी स्पष्ट होता है कि देश में 260 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं।
- देश में पिछले नौ वर्षों में एमबीबीएस की सीटें में 79 प्रतिशत, पीजी सीटों में 93 प्रतिशत वृद्धि की गई है और 22 एम्स को मंजूरी दी गई है।
- भारत स्वास्थ्य सेवा वितरण के क्षेत्रीय और खंडित दृष्टिकोण से व्यापक आवश्यकता-आधारित स्वास्थ्य देखभाल सेवा की ओर बढ़ गया है और अब इसे संकट प्रबंधन एवं निवारक स्वास्थ्य देखभाल में एक रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
देश में पहली बार 'प्रिवेंटिव हेल्थ केयर' पर ध्यान:
- देश में पहली बार 'प्रिवेंटिव हेल्थ केयर' पर ध्यान दिया गया जिससे केवल दो वर्षों में, भारत दो डीएनए वैक्सीन और एक नेज़ल वैक्सीन का उत्पादन कर सका है।
देश में 10 शीर्ष कैंसर अस्पताल:
- टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स नई दिल्ली
- द कैंसर इंस्टीट्यूट, चेन्नई
- अपोलो स्पेशलिटी हॉस्पिटल, चेन्नई
- द गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद
- राजीव गाँधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, दिल्ली
- किडवाई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी, बेंगलुरु
- रीजनल कैंसर सेंटर, तिरुवनंतपुरम
- एचसीजी, बेंगलुरु
- स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसन्धान संस्थान, चंडीगढ़