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हिताची ने भारत का पहला यूपीआई सक्षम एटीएम लॉन्च किया

Utkarsh Classes Last Updated 30-01-2024
Hitachi launches India’s first UPI enabled ATM Banking and Finance 8 min read

जापान की हिटाची लिमिटेड की सहायक भारतीय कंपनी हिताची पेमेंट सर्विसेज ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के सहयोग से भारत का पहला यूपीआई-एटीएम लॉन्च किया है। हिताची एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) जिसका नाम हिताची मनी स्पॉट यूपीआई एटीएम है, एक व्हाइट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) है।

यूपीआई-एटीएम की विशेषता

यूपीआई-एटीएम ,एटीएम कार्ड रहित नकदी निकासी की सुविधा प्रदान करेगा और इसमे एटीएम कार्ड और पिन का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार के एटीएम से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ऐप का उपयोग करके पैसे निकाले जा सकते हैं।

ग्राहक के पास एक एंड्रॉइड स्मार्टफोन होना चाहिए जिसमें यूपीआई ऐप इंस्टॉल हो। यूपीआई ऐप को ग्राहक के बैंक खाते से लिंक करना होगा। ग्राहक को एटीएम में 'यूपीआई नकद निकासी' विकल्प का चयन करना होगा और एटीएम की स्क्रीन पर प्रदर्शित क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड को स्कैन करना होगा। 

जिस बैंक में ग्राहक का खाता है, उस बैंक द्वारा प्रमाणीकरण के बाद ग्राहक पैसे निकाल सकता है। 

व्हाइट लेबल एटीएम ,बैंक खाता धारक के लिए एक अन्य बैंक एटीएम माना जाता है। 

इसमे दैनिक नकद निकासी की सीमा 10,000 रुपये है।

ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम)

ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) एक कम्प्यूटरीकृत मशीन है जो बैंक के खाता धारक को वित्तीय और गैर वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। बैंक खाताधारक एटीएम के द्वारा अपने खाते से नकदी निकाल या जमा कर सकता है  तथा कई तरह के गैर-वित्तीय लेनदेन कर जैसे चेक बुक का अनुरोध करना, खाते की शेष राशि की जांच करना, बिलों का भुगतान आदि  कर सकतें है ।

एटीएम का इस्तेमाल  बैंकों द्वारा जारी एटीएम सह डेबिट कार्ड या लिंक किए गए यूपीआई ऐप के माध्यम से किया  जा सकता है।

स्वामित्व एवं संचालन के आधार पर एटीएम के प्रकार

बैंकों के एटीएम

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लाइसेंस प्राप्त बैंक अपना एटीएम स्थापित कर सकते हैं। इस पर संबंधित बैंकों का नाम और उसका लोगो होता है। एटीएम का संचालन केवल संबंधित बैंक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

ब्राउन लेबल एटीएम

ब्राउन लेबल एटीएम वे एटीएम होते हैं जो किसी बैंक द्वारा किसी कंपनी के साथ साझेदारी में स्थापित किए जाते हैं। साझेदार कंपनी के पास एटीएम मशीनों का स्वामित्व होता है जबकि नकदी प्रबंधन और एटीएम में  कनेक्टिविटी ,बैंकों द्वारा प्रदान की जाती है। एटीएम पर बैंक का नाम और लोगो होता है ।

एटीएम मशीन की स्थापना और संचालन की लागत को कम करने के लिए बैंकों द्वारा ब्राउन एटीएम स्थापित किए जाते हैं। ब्राउन एटीएम में एटीएम की स्थापना और संचालन की लागत बैंक और कंपनी द्वारा साझा की जाती है।

व्हाइट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए)

  • व्हाइट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) भारत में गैर बैंकिंग कंपनियों के स्वामित्व और संचालन में स्थापित किए जाते हैं। जो गैर बैंकिंग कंपनी व्हाइट लेबल एटीएम स्थापित करना चाहती है, उसकी न्यूनतम नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
  • आरबीआई ,भुगतान और निपटान अधिनियम 2007 के तहत व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर को लाइसेंस प्रदान करता है।
  • डब्ल्यूएलए को अनुमति देने का मुख्य उद्देश्य छोटे शहरों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एटीएम की पहुंच बढ़ाना और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाना था।
  • डब्ल्यूएलए , बैंक के एटीएम द्वारा दिये जाने वाले लगभग सभी कार्य करते हैं और एटीएम को इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को अन्य बैंकों के ग्राहक माना जाता है।

भारत में व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर

वर्तमान में भारत में आरबीआई द्वारा लाइसेंस प्राप्त चार व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर हैं।

  1. टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड। यह आरबीआई द्वारा लाइसेंस प्राप्त करने वाली पहली कंपनी थी (3 मई 2013)। यह इंडीकैश(Indicash) ब्रांड नाम के तहत संचालित होता है। इसका परिचालन 2013 में शुरू हुआ और वर्तमान में यह देश का सबसे बड़ा व्हाइट लेबल एटीएम संचालक  है।यह मुंबई में स्थित है।
  2. हिताची पेमेंट सर्विस लिमिटेड। यह आरबीआई द्वारा लाइसेंस प्राप्त होने वाली दूसरी कंपनी थी (25 नवंबर 2013) यह मुंबई में स्थित कंपनी है और हिताची मनी स्पॉट एटीएम के तहत अपने एटीएम का संचालन करती है।
  3. वक्रांगी लिमिटेड. यह अपना एटीएम वक्रांगी ब्रांड नाम से संचालित करता है। यह मुंबई स्थित कंपनी है।
  4. इंडिया 1पेमेंट्स लिमिटेड (पूर्व में बीटी I पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड)। यह बेंगलुरु स्थित कंपनी है जो इंडिया1 ब्रांड नाम से अपना एटीएम संचालित करती है।

एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई)

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) एनपीसीआई द्वारा विकसित किया गया है और यह  2016 में लाइव हुआ। यह उपयोगकर्ता द्वारा निर्धारित वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके तुरंत धनराशि भेजने और प्राप्त करने के लिए एक मोबाइल आधारित 24x7 तेज़ भुगतान प्रणाली है।

यूपीआई तत्काल धन हस्तांतरण, क्यूआर कोड (स्कैन और भुगतान) आधारित भुगतान, व्यापारी भुगतान, उपयोगिता बिल भुगतान आदि की सुविधा देता है।

यह गैर-वित्तीय लेनदेन की सुविधा भी देता है जैसे कि मोबाइल बैंकिंग पंजीकरण, बैलेंस पूछताछ आदि, यूपीआई का उपयोग करके भी किया जा सकता है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई)

  • एनपीसीआई, 'भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007' के तहत भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन के लिए एक प्रमुख संगठन है।
  • इसकी स्थापना 2008 में की गई थी.
  • इसका स्वामित्व वाणिज्यिक बैंकों के एक संघ के पास है।

एनपीसीआई मुख्यालय: मुंबई

मुख्य कार्यकारी अधिकारी: दिलीप अस्बे

FAQ

उत्तर : हिताची मनी स्पॉट। इसे एनपीसीआई के सहयोग से हिताची पेमेंट सर्विस लिमिटेड द्वारा लॉन्च किया गया था।

उत्तर : प्रतिदिन 10,000 रुपये

उत्तर : भुगतान एवं निपटान अधिनियम 2007

उत्तर : इसकी स्थापना एक बैंक द्वारा एक कंपनी के सहयोग से की जाती है।

उत्तर : मुंबई
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