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Utkarsh Classes
Updated: 12 Sep 2023
5 Min Read

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से जीनोम मैपिंग के लिए बंदी हाथियों के जैविक नमूने एकत्र करने के लिए गजह सूचना ऐप शुरू किया है। इससे हाथियों के अंगों की अवैध तस्करी रोकने में मदद मिलेगी।
भारतीय वन्यजीव संस्थान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत 1982 में स्थापित एक स्वायत्त संस्थान है। यह देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है।
2019 में भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया कि भारत में उस समय कम से कम 2,454 बंदी हाथी थे। इनमें से लगभग 560 हाथी राज्य के वन विभागों के पास थे, लगभग 1,687 निजी व्यक्तियों के पास थे, 85 चिड़ियाघरों में और 96 मंदिरों में और बाकी सर्कस में थे।
2019 में, देश में कुल बंदी हाथियों में से आधे से अधिक केरल और असम में थे।
2019 में, 660 बंदी हाथियों के पास कोई वैध स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं था। कर्नाटक, केरल, असम, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लगभग 95% बंदी हाथियों को स्वामित्व प्रमाण पत्र के बिना कैद में रखा गया है।
शिकारियों द्वारा हाथियों को उनके दाँतों के लिए मार दिया जाता है। हाथी के द्वारा दांत का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे भोजन इकट्ठा करना, खुदाई करना, वस्तुओं को उठाना, खाने के लिए पेड़ों से छाल उतारना और रक्षा के लिए किया जाता है। इन दांतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेष रूप से एशिया में अत्यधिक मांग है , जहां इन्हें हल्के गहनों में परिवर्तित कर बेचा जाता है। इसके कारण हाथियों को उनके दांतों के लिए मार दिया जाता है।
हाथी या तो जंगलों में पाए जा सकते हैं या उन्हें मनुष्यों द्वारा बंधक बना लिया जाता है। बंधक बनाए गए हाथियों भी अपने दांतों के कारण खतरे में रहते हैं । बंदी हाथियों का व्यापार और आदान-प्रदान किया जा सकता है और कई मामलों में यह पाया गया है कि बंदी हाथियों के दांतों को किनारे से काट कर उसे अवैध तरीके से बेच दिया जाता है । अधिकारियों द्वारा जब्त अवैध हाथीदांत उत्पादों को उस हाथी से मिलान करने का कोई फूल प्रूफ़ तरीका नहीं है ,जिससे यह दांत निकाला गया था ।
इस समस्या से निपटने के लिए हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग की जा रही है। हर हाथी में इंसानों की तरह ही एक अनोखा डीएनए होता है जिससे कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यदि अधिकारियों के पास प्रत्येक बंदी हाथी का डीएनए रिकॉर्ड उपलब्ध होगा तो वे प्रत्येक बंदी हाथी का स्वामित्व प्रमाण पत्र बना सकते हैं।
स्वामित्व प्रमाणपत्र में बंदी हाथी के मालिक का नाम और हाथी की डीएनए पहचान भी होगी। इससे अधिकारियों के लिए हाथी दांत के माध्यम से हाथी और उसके मालिक का पता लगाना आसान हो जाएगा। इससे हाथी दांत के अवैध व्यापार को रोकने में मदद मिलेगी और परिणामस्वरूप हाथियों को बचाया जा सकेगा।
बंदी हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग की स्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, दिल्ली और उत्तराखंड समेत कुछ राज्यों से हाथियों के खून के नमूने पहले ही एकत्र किए जा चुके हैं। केरल जैसे कुछ अन्य राज्यों ने भी पहल शुरू कर दी गई है।
गैंडों को बचाने के लिए पहले भी इसी तरह की पहल शुरू की गई थी। RhODIS या राइनो डीएनए इंडेक्स सिस्टम नामक पहल अवैध रूप से मारे जा रहे गैंडों की पहचान करने के लिए एक वन्यजीव फोरेंसिक उपकरण है। RhODIS इंडिया कार्यक्रम केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश और डबल्यूडबल्यूएफ़ इंडिया के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है ।
भारत सरकार द्वारा गठित हाथी टास्क फोर्स 2010 की अनुशंसा पर भारत सरकार ने वर्ष 2010 में हाथी को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया। महेश रंगराज हाथी टास्क फोर्स के अध्यक्ष थे ।
हाथी टास्क फोर्स जिसे लोकप्रिय रूप से गज़ रिपोर्ट भी कहा जाता है, ने राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना का आह्वान किया। इसे अभी भारत सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना बाकी है।
भारत में एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है। 2017 की हाथी जनगणना के अनुसार भारत में 27,312 हाथी थे।
हाथियों की सुरक्षा के लिए, भारत सरकार ने 14 राज्यों में फैले 33 हाथी रिजर्व अधिसूचित किए हैं।
33वाँ हाथी रिजर्व :उत्तर प्रदेश में स्थित तराई हाथी रिजर्व को 2022 में 33वें हाथी रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था।
पहला हाथी रिजर्व :झारखंड के सिंहभूम हाथी रिजर्व को 26 सितंबर 2001 को भारत के पहले हाथी रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था।
अधिकतम हाथी रिजर्व वाले राज्य: ओडिशा और तमिलनाडु प्रत्येक में 5।
हाथी रिजर्व वाले राज्य
असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश,
हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व हाथी दिवस 2023 का विषय: अवैध वन्यजीव व्यापार को समाप्त करना।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
सीआईटीईएस / CITES: कन्वेन्शन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इन्डैन्जर्ड स्पीशीज़ ऑफ वाइल्ड फ़ौना एंड फ्लोरा ( Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora )
आईयूसीएन/ IUCN : इंटरनेशनल यूनियन फॉर कान्सर्वेशन ऑफ नेचर ( International Union for Conservation of Nature).
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