भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड ने सऊदी अरब में भारतीय कंपनी की प्रस्तावित हरित इस्पात परियोजना के लिए नवीकरणीय ऊर्जा समाधान विकसित करने के लिए सऊदी अरब की डेजर्ट टेक्नोलॉजीज (डीटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियों के बीच 9 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित जी 20 शिखर बैठक के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, खनन, तेल और गैस क्षेत्र में कार्यरत एस्सार ग्लोबल फंड सऊदी अरब के रास अल खैर में एक एकीकृत इस्पात संयंत्र स्थापित करने में लगभग 4.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। इस प्रस्तावित इस्पात संयंत्र में 2027 से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
प्रस्तावित इस्पात संयंत्र का लक्ष्य पूरे MENA (मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका) क्षेत्र में सबसे बड़ा एकीकृत फ्लैट स्टील कॉम्प्लेक्स और खाड़ी सहयोग परिषद क्षेत्र में पहली हरित इस्पात परियोजना बनना है। खाड़ी सहयोग परिषद बहरीन, कुवैत, ओमान ,कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का एक क्षेत्रीय समूह है।
इस परियोजना में डेजर्ट टेक्नोलॉजीज की भूमिका
- डेजर्ट टेक्नोलॉजीज सऊदी अरब की एक सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग कंपनी है।
- इस साझेदारी के माध्यम से, डीटी और एस्सार सऊदी अरब में एस्सार के फ्लैट स्टील कॉम्प्लेक्स के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के लिए समाधान विकसित करेंगे।
- इस नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग सऊदी अरब में प्रस्तावित एस्सार इस्पात कॉम्प्लेक्स में इस्पात के उत्पादन के लिए किया जाएगा।
हरित इस्पात
हरित इस्पात से तात्पर्य कार्बन या भट्टी तेल आदि जैसे जीवाश्म ईंधन के उपयोग के बिना स्टील के उत्पादन से है। हरित इस्पात के उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन के बजाय कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों जैसे हाइड्रोजन, प्राकृतिक गैस, कोयला गैसीकरण या बिजली का उपयोग किया जाता है।
हरित इस्पात की आवश्यकता क्यों?
- इस्पात उद्योग ग्लोबल वार्मिंग में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है। दुनिया भर में उत्पादित अधिकांश इस्पात कोयले से चलने वाली ब्लास्ट भट्टियों में बनाया जाता है।
- कोयला, एक जीवाश्म ईंधन है जिसके उपयोग से वातावरण में बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होता है। कार्बन डाइऑक्साइड गैस का ग्लोबल वार्मिंग में अहम योगदान है।
- कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए दुनिया भर में सरकारें इस्पात कंपनियों को इस्पात के उत्पादन के लिए हाइड्रोजन या कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
हरित इस्पात के क्षेत्र में भारतीय पहल
- भारत में, कुल वार्षिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्पादन में लोहा और इस्पात उद्योग का योगदान लगभग 12% है। वैश्विक स्तर पर वार्षिक आधार पर कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में लौह अयस्क और इस्पात उद्योग का योगदान लगभग 8 प्रतिशत है।
- भारत सरकार ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। अगर भारत को वह लक्ष्य हासिल करना है तो भारतीय इस्पात उद्योग को 2070 तक अपने उत्सर्जन को कम करके शुद्ध-शून्य करना होगा।
- अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांता कंपनी ने हाइड्रोजन का उपयोग करके हरित इस्पात के उत्पादन की तकनीक विकसित करने के लिए आईआईटी-बॉम्बे के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने अपने ओडिशा संयंत्र को दुनिया की सबसे बड़ी और हरित सुविधा के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। कंपनी के अनुसार , स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके इस्पात का उत्पादन करने के लिए कोयला गैसीकरण करने वाली दुनिया की वह पहली इस्पात निर्माता कंपनी है।
एस्सार ग्लोबल फंड
मुख्यालय: मुंबई
मुख्य कार्यकारी अधिकारी: प्रशांत रुइया