अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं भू-विज्ञान व उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि राज्य के माइंस विभाग ने चूरु जिले के घड़सीसर और करौली सपोटरा के खीदरपुर पोटाश ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई- ऑक्शन की प्रक्रिया 31 जुलाई से आरंभ कर दी है। योग्य बोलीदाता 4 सितंबर तक अपनी बोली लगाकर भाग ले सकते हैं।
देश में यह पहला मौका होगा जब पोटाश के दो ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ऑक्शन की पहल की गई है।
राजस्थान में बीकानेर संभाग और करौली के आसपास पोटाश के भण्डार सिद्ध किए गए हैं।
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के चुरू, बीकानेर, हनुमानगढ और श्रीगंगानगर जिलों के नागौर-श्रीगंगानगर बेसिन के भरूसरी ब्लॉक, सतिपुरा ब्लॉक, झण्डावाली नार्थ ब्लॉक, झण्डावाली साउथ ब्लॉक, खुजां नार्थ वेस्ट ब्लॉक, जोरकीया साउथ ब्लॉक, लखासर ब्लॉक, जेतपुर ब्लॉक इत्यादी में कार्य जारी है।
देश में करीब दस हजार करोड़ से अधिक के पोटाश का मुख्यतः कनाड़ा, बेलारुस, रसिया, जार्डन आदि से आयात किया जा रहा है। इसके साथ की कुछ मात्रा में इजराइल, सउदी अरब, जर्मनी आदि से भी आयात होता है।
कृषि क्षेत्र में उर्वरक के रूप में पोटाश का प्रयोग प्रमुखता से होता है, पोटाश, नाईट्रोजन व फास्फोरस के बाद तीसरा महत्वपूर्ण घटक है । उर्वरक के अलावा पोटाश का अन्य उपयोग ग्लास, बारूद, रसायन व पेट्रोरसायन आदि बनाने में भी किया जाता है।