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पहली बार चंद्रमा पर उतरा चंद्रयान-3 , भारत के लिए ऐतिहासिक दिन
Utkarsh Classes
Updated: 23 Aug 2023
2 Min Read
लंबे समय से प्रतीक्षित खबर आ गई है और 23 अगस्त 2023 को शाम 6.04 बजे भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया
है । यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रमा पर उतरने का दूसरा प्रयास था। इससे पहले विक्रम नाम का चंद्रयान-2 लैंडर 7 सितंबर 2019 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ।
रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है ।
चंद्रयान-3 के एक चंद्र दिवस (14 पृथ्वी दिवस) तक क्रियाशील रहने की उम्मीद है, जिसमें चंद्र रोवर प्रज्ञान चंद्र सतह की खनिज संरचना के स्पेक्ट्रोमीटर विश्लेषण सहित कई प्रयोगों का संचालन करेगा।
उबड़-खाबड़ इलाका दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को मुश्किल बनाता है इसीलिए पहली लैंडिंग हमेशा ऐतिहासिक होती है। इस क्षेत्र की बर्फ भविष्य के मिशनों के लिए ईंधन, ऑक्सीजन और पीने के पानी की आपूर्ति कर सकती है।
चंद्रयान-3 को इसरो द्वारा 14 जुलाई, 2023 को जीएसएलवी- मार्क III (एलवीएम-3) हेवी लिफ्ट रॉकेट द्वारा श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था। अंतरिक्ष यान में विक्रम नामक एक लैंडर और प्रज्ञान नामक एक रोवर शामिल है। चंद्रयान-2 के विपरीत चंद्रयान-3 मिशन में कोई ऑर्बिटर नहीं है। मिशन का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये है।
चंद्रयान-3 लैंडर विक्रम लगभग 2 मीटर लंबा है और इसका वजन 1,700 किलोग्राम से थोड़ा अधिक है। यह अपने साथ 26 किलोग्राम वजनी चंद्र रोवर 'प्रज्ञान' ले जा रहा है।
चंद्र रोवर प्रज्ञान चंद्र सतह की खनिज संरचना के स्पेक्ट्रोमीटर विश्लेषण सहित कई प्रयोगों का संचालन करेगा।
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